संसद में विपक्षी सांसदों ने मार्शलों का गला दबाया, राज्यसभा गठित कर सकती है जाँच कमिटी

राज्यसभा सदन के अंदर विपक्षी सांसदों द्वारा मार्शलों पर हमले की जांच करेगी

मॉनसून सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा संसद में हंगामा करने और अधिकारियों के साथ बदसलूकी करने के बाद अगले कुछ दिनों में राज्यसभा द्वारा एक जाँच समिति का गठन किया जा सकता है। ये समिति मार्शलों के उन बयानों की जाँच करेगी, जिनमें उन्होंने विपक्षी सांसदों पर मारपीट करने का आरोप लगाया था।

News18 के अनुसार, संसद के उच्च सदन के अध्यक्ष उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त 2021 को राज्यसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा सुरक्षा अधिकारियों के साथ हुई मारपीट की जाँच करने का आदेश दे सकते हैं।

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इससे पहले, सरकार ने राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें मार्शलों के पत्र थे। इसमें मार्शलों ने सदन के पटल पर सांसदों के व्यवहार पर अपनी आपबीती सुनाई थी। यह रिपोर्ट राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को विपक्षी सांसदों द्वारा सदन के भीतर बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न करने और 11 अगस्त को अधिकारियों के साथ हाथापाई के बाद सौंपी गई थी।

ऑपइंडिया द्वारा एक्सेस की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊपरी सदन में 11 अगस्त को दोपहर 2 बजे उस वक्त हंगामा शुरू हुआ था, जब सदन में संविधान के 127वें संशोधन विधेयक पर चर्चा की जा रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है, “जैसे ही विधेयक को राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए पेश किया गया, विपक्षी सांसद इसमें व्यवधान डालने के लिए सदन के वेल में आ गए और सदन के पटल पर चढ़कर उस पर रखी किताबों/कागजातों को फाड़ने की कोशिश की।”

सभापति को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, “अध्यक्ष और मानक संचालन प्रक्रियाओं के निर्देशों के अनुसार, संसद सुरक्षा सेवा के अधिकारी पहले से ही सदन की मेज के चारों ओर तैनात थे, ताकि मेज पर रखी गई वस्तुओं को संभावित नुकसान से बचाया जा सके। साथ ही महासचिव, राज्य सभा व अन्य अधिकारियों की हंगामे के दौरान सुरक्षा की जा सके।”

सरकार की रिपोर्ट के अलावा राज्यसभा में सांसदों के पीटने से घायल हुए राकेश नेगी नाम के मार्शल ने भी संसद सुरक्षा सेवा के निदेशक को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने 11 अगस्त को राज्यसभा के अंदर हुई घटनाओं का जिक्र किया है।

नेगी ने पत्र में उल्लेख किया है कि 11 अगस्त को उन्हें राज्यसभा चैंबर के अंदर मार्शल की ड्यूटी करने के लिए निर्देशित किया गया था। नेगी के मुताबिक, हंगामे के दौरान विपक्षी सांसदों- एलमारन करीम और अनिल देसाई ने मार्शलों द्वारा बनाए गए सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश की।

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सुरक्षा अधिकारी राकेश नेगी ने सूचित किया था कि माकपा सांसद एलाराम करीम और शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की थी और इस कड़ी में एलाराम करीम ने उन्हें (राकेश नेगी) सुरक्षा घेरे से बाहर निकलने के लिए उनकी गर्दन पकड़ ली। इसके कारण नेगी को कुछ देर के लिए उनका दम घुटता सा महसूस हुआ था।

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महिला सुरक्षा अधिकारी अक्षिता भट ने निदेशक (सुरक्षा) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जब उन्होंने सांसदों को सुरक्षा घेरा तोड़ने से रोकने की कोशिश की तो दो महिला कॉन्ग्रेस सांसद- छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम ने आगे बढ़कर पुरुष सांसदों को आक्रामक रूप से सुरक्षा घेरा तोड़ने और मेज तक पहुँचने का रास्ता बनाया।

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दो महिला सांसदों ने सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बनाए गए सुरक्षा घेरे को तोड़ने में पुरुष सांसदों की मदद करने की कोशिश के दौरान अक्षिता भट का हाथ पकड़कर उन्हें घसीटा। अक्षिता भट ने लिखा, “हालाँकि, अपने कर्तव्यों का पालन करने वाले एक अधिकारी के प्रति उनकी (महिला सांसदों) आक्रामकता और हिंसक व्यवहार के बावजूद, मैंने उनका धीरे-धीरे विरोध करके गरिमा और मर्यादा बनाए रखी और उन्हें सदन के पटल पर आने से रोकने में कामयाब रही।”

सीसीटीवी कैमरे से पकड़ा गया विपक्षी सांसदों का झूठ

संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार (11 अगस्त 2021) को विपक्ष द्वारा बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न किया गया। उन्होंने राज्यसभा के भीतर सुरक्षा अधिकारियों के साथ मारपीट की। राज्यसभा के वरिष्ठ सांसदों द्वारा की जा रही हिंसा को कंट्रोल करने के लिए मॉर्शल्स को बुलाना पड़ा। वहीं, विपक्षी दलों ने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें पिटवाने के लिए सरकार ने बाहर से लोगों को बुलाया था।

हालाँकि, इन माननीयों के झूठ का पर्दाफाश बहुत जल्द हो गया। सरकार ने राज्यसभा का सीसीटीवी फुटेज जारी किया, जिसमें साफ देखा जा सकता था कि विपक्षी सांसद मार्शलों पर हमला कर रहे थे। राज्यसभा सत्र के दृश्यों से पता चला है कि कॉन्ग्रेस की महिला सांसद फूलो देवी नेताम और छाया एक महिला मार्शल को पीट और घसीट रही थीं।

घटना के दौरान घर पर सदन में मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि फुटेज से पता चलता है कि महिला मार्शल का गला घोंटने की कोशिश की गई थी। वीडियो में टीएमसी सांसद डोला सेन संसद सुरक्षा सेवा की महिला अधिकारियों से बहस करती और धक्का-मुक्की करती नजर आ रही हैं। सेन ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ भी धक्का-मुक्की की।

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इसके अलावा टीएमसी नेता नासिर हुसैन, शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी और टीएमसी नेता अर्पिता घोष को सदन के वेल में पेपर फाड़कर पीठासीन अधिकारी के ऊपर फेंकते देखा गया। कॉन्ग्रेस नेता फूलो देवी नेताम और छाया वर्मा ने एक महिला अधिकारी को धक्का दिया, घसीटा और उसके सिर पर भी मारा। कॉन्ग्रेस सांसद नेताम को अपने कंधे से महिला अधिकारी सिर पर मारने की कोशिश करते और उसे घसीटते हुए देखा गया।

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मार्शलों से मारपीट के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद से वाकआउट कर दिया। फुटेज से साफ है कि विपक्ष के नेताओं के अभद्र व्यवहार के कारण राज्यसभा में हंगामा हुआ। विपक्षी नेताओं ने न केवल सदन का कामकाज बाधित किया बल्कि ड्यूटी पर तैनात मार्शलों के साथ मारपीट भी की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया