RJD के साथ आओ, ₹10 करोड़ और मंत्री पद पाओ: जेडीयू MLA को अपनी ही पार्टी के विधायक ने दिया था ऑफर, FIR दर्ज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फोटो साभार : HT)

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बहुमत साबित न कर सके, इसके लिए जेडीयू के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई। इस मामले में जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने अपनी ही पार्टी के विधायक संजीव कुमार पर गंभीर आरोप लगाए और एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने एफआईआर में पूर्व विधायक इंजीनियर सुनील का भी नाम शामिल कराया है। सुधांशु शेखर ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की सरकार गिराने और आरजेडी के खेमे में आने के लिए 10 करोड़ का ऑफर दिया गया, साथ ही मंत्री पद का भी।

सुधांशु शेखर ने आरोप लगाए कि उनके साथ ही कई अन्य विधायकों को भी इसी तरह से ऑफर दिए गए। मुझे 5 करोड़ पहले और 5 करोड़ काम होने के बाद दिए जाने की बात कही गई। सुधांशु शेखर ने पटना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है। उनके द्वारा दी गई एफआईआर की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है, जिसमें हर बात का विस्तार से जिक्र है।

एफआईआर के मुताबिक, जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने कहा कि इंजीनियर सुनील ने मेरे रिश्तेदार के माध्यम से फोन पर महागठबंधन के साथ आने के लिए कहा। उन्होंने पाँच करोड़ कैश तुरंत और पाँच करोड़ काम पूरा (नीतीश सरकार गिर जाने) होने के बाद देने के लिए कहा। साथ ही ये भी कहा कि आप मंत्री पद ले लीजिए। पहला वॉट्सऐप कॉल 9 परवरी की रात 8.32 बजे आया था। दूसरी वॉट्सऐप कॉल 10 फरवरी को सुबह 10.11 बजे पूर्व मंत्री नागमणि कुशवाहा के नंबर से आई।

एक घंटे बाद ही इंटरनेशनल नंबर से इंटरनेट कॉल आया। सामने वाले ने अपना नाम अखिलेश बताया और खुद को राहुल गाँधी का करीबी बताया। उसने सारी डिमांड पूरी करने की बात कही, बदले में विश्वासमत के दौरान गठबंधन का समर्थन करने को कहा।

इसी तरह से साथी विधायक कृष्ण मुरारी शरण को आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव का फोन पहले ही आया था। उन्हें आरजेडी के पक्ष में वोट करने के बदले मंत्री पद और मनचाहा पैसा देने की बात कही। एफआईआर में निरंजन कुमार मेहता को भी आरजेडी के पक्ष में वोट करने के लिए लालच और धमकी देने की बात कही गई।

सुधांशु शेखर ने इन कामों में परबत्ता विधानसभा से जेडीयू विधायक संजीव कुमार की भूमिका को संदिग्ध बताया। शिकायत के मुताबिक, संजीव के साथ ही पूर्व विधायक इंजीनियर सुनील को भी आरोपित बनाया गया है। उन्होंने शिकायत में विधायकों के अपहरण का भी आरोप लगाया।

इस मामले में जेडीयू विधायक संजीव कुमार का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ विधायकों उनके खिलाफ साजिश करके ऐसी एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि इस पूरे मामले के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुछ नहीं पता है।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार ने सोमवार (12 फरवरी 2024) को विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया था। इस दौरान जेडीयू के कई विधायकों के बागी होने का अंदेशा भी जताया जा रहा था। विपक्षी दल के नेता ‘खेला’ होने का दावा कर रहे थे। हालाँकि फ्लोर टेस्ट के दौरान आरजेडी के ही तीन विधायक सत्ता पक्ष की तरफ आ गए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया