रामनवमी हिंसा पर विधानसभा में घिरी बिहार सरकार, पूर्व मंत्री जीवेश कुमार को मार्शल से बाहर फिंकवायाः नीतीश ने ‘2 लोगों’ पर फोड़ा ठीकरा

हिंसा पर बयान देते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (बाएँ), बिहार विधानसभा से मार्शल द्वारा बाहर निकाले जाते विधायक जीवेश मिश्रा (दाएँ) [फोटो साभार: ANI]

रामनवमी के मौके पर बिहार के अलग-अलग इलाकों में जम कर हिंसा हुई, जिसका सबसे ज्यादा असर सासाराम और नालंदा में देखने को मिला। पीड़ित हिन्दुओं ने मीडिया के सामने अपनी व्यथा रोई है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दंगों को लेकर बयान दिया है। विधानसभा में विपक्षी भाजपा ने आक्रामक रूप से इस मुद्दे को उठाया। विधायक जीवेश मिश्रा को 5 मार्शल टाँग कर सदन से बाहर ले आए। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी बिहार की जदयू-राजद महागठबंधन सरकार पर हमला बोला।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंसा की घटनाओं पर कहा, “पुलिस-प्रशासन वगैरह सब लोगों ने मिल कर काम किया, बहुत अच्छे ढंग से सब कुछ कंट्रोल हुआ। मैंने एक-एक व्यक्ति से पूछा, और जान लीजिए, सभी लोग लगे हुए हैं। एक-एक घर में जाकर देखा जा रहा है। कुछ दिन के बाद आपलोगों को पता चलेगा। जानबूझ कर ये सब करवाया गया है। एक जगह (सासाराम) उन्हें जाना था तो वहाँ करवाया गया। और दूसरी जगह बिहारशरीफ है, समझ गए? पूरे राज्य का नाम बिहार और उस जगह का नाम भी बिहार है। ये नाम हमने ही रखा है।”

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहारशरीफ में धंधा करने की जो कोशिश की गई है, ये सब पता चलेगा। उन्होंने कहा कि कुछ न कुछ बोलते रहता है, लेकिन कहीं कुछ है ही नहीं। उन्होंने कहा कि ये सब पर जाँच हो रही है और उनकी अपील है कि आपस में कोई झगड़ा न हो। उन्होंने दावा किया कि आज तक ये सब नहीं हुआ। साथ ही पूछा कि अब ये सब क्या हुआ? उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अनाप-शनाप डाले जाने का आरोप लगाया।

सीएम नीतीश कुमार ने सारा हिंसा का ठीकरा ‘2 लोगों’ पर फोड़ते हुए कहा कि एक राज कर रहा है और दूसरा उसका एजेंट है। उन्होंने कहा कि यही दोनों मिल कर इधर-उधर कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यपाल से बात किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार से बातचीत की जाती है। उन्होंने दावा किया कि अटल बिहारी वाजपेयी के काल में पार्टी अच्छे तरीके से चलती थी, लेकिन आजकल सारी चीजों पर कब्ज़ा कर लिया गया है।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एक-एक चीज पर नजर है, पूरे बिहार पर नजर है, उन्होंने तत्काल बैठक की है। उन्होंने अमित शाह के बयान ‘दंगाइयों को उलटा लटका कर सीधा करेंगे’ वाले बयान पर कहा कि 2017 में भाजपा के साथ उनकी सरकार थी तब भाजपा नेता के एक बेटे ने ही सब किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया में एकतरफा ‘उनलोगों’ का ही छपता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों से उन्हें काफी उम्मीद है, वो लोग लोगों से बात करेंगे तो सच्चाई पता चलेगी।

नालंदा जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि ये तो उनकी जगह ही है और वो पटना से ही बात कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि वो वहाँ जाते ही रहते हैं और कई कार्य करवाए हैं। असदुद्दीन ओवैसी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि AIMIM केंद्र सरकार की सत्ताधारी पार्टी का एजेंट है। उन्होंने कहा कि ज्यादा सांसदों वाली पार्टी की खबरें नहीं छपती, लेकिन ओवैसी की खबरें छपती है। उन्होंने पूछा कि ओवैसी कहाँ के रहने वाले हैं और यहाँ उनका क्या है?

उन्होंने ये भी कहा कि सुशील मोदी को तो बोलना ही न है, दूसरा कौन उपाय है। उधर एक अन्य वीडियो में पूर्व मंत्री और दरभंगा के जाले से विधायक जीवेश मिश्रा को मार्शलों ने टाँग कर विधानसभा से बाहर कर दिया। इस पर उन्होंने ऐतराज जताते हुए कहा कि विपक्षी जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। मिश्रा ने कहा कि बिहार में दंगों और हिन्दुओं पर हुए अत्याचार, रामनवमी के जुलूस पर पत्थरबाजी और हिन्दुओं के कत्लेआम पर उन्होंने सीएम नीतीश से सदन में आकर जवाब देने को कहा तो उनके साथ ऐसा हुआ।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतंत्र को शर्मसार करने का काम किया गया है। हालाँकि, विधानसभा में भाजपा नेताओं ने जब विरोध किया तो बिहार सरकार के मंत्री-विधायक हँसते हुए नजर आए। बता दें कि बिहार में रामनवमी के बाद कई हिन्दुओं के गायब होने की बात कही जा रही है। विपक्षी दलों और पीड़ितों के आरोपों को वहाँ की सरकार और पुलिस लगातार नकार रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया