‘बच्चा है, सब उसके पीछे पड़ गए हैं’: कमल हासन ने सनातन को खत्म करने की बात करने वाले उदयनिधि स्टालिन का किया समर्थन, पेरियार का भी महिमामंडन

कमल हासन उदयनिधि स्टालिन के पक्ष में उतरे (फोटो साभार: कमल हासन एक्स हैंडल)@ikamalhaasan)

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे के समर्थन में अभिनेता से नेता बने कमल हासन मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने शुक्रवार (22 सितंबर, 2023) को राज्य के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के शुरू किए गए सनातन विवाद पर उन्हें छोटा बच्चा करार दिया है। हासन ने कहा कि एक युवा बच्चे (उदयनिधि) को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है कि उसने सनातन धर्म के बारे में बात की थी। हालाँकि, उन्होंने एक पार्टी बैठक को संबोधित करते हुए उदयनिधि, भाजपा या किसी अन्य संगठन का नाम लिए बगैर ये कहा था।

‘पेरियार की वजह से सनातन जाना गया’

अभिनेता हासन ने ये इशारा करते हुए कहा कि सनातन धर्म पर मंत्री की टिप्पणी में कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा कि द्रविड़ आंदोलन के कई नेताओं जैसे दिवंगत डीएमके संरक्षक और उदयनिधि के दादा एम करुणानिधि ने भी अतीत में इस बारे में बात की है।

हासन ने आगे कहा कि पेरियार ई वी रामासामी के सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ गुस्से की सीमा को नेता के जीवन से समझा जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि उनके जैसे लोगों ने पेरियार के कारण ही ‘सनातन’ शब्द को समझा।

उन्होंने आगे कहा, “वह कभी मंदिर में काम करते थे। वह माथे पर ‘तिलक’ लगाकर वाराणसी में ‘पूजा’ करते थे। सोचिए उनके अंदर कितना गुस्सा रहा होगा जब वो ये सब छोड़कर और यह समझकर लोगों की सेवा में लग गए कि सबसे बड़ी सेवा मानव सेवा है। उन्होंने अपना पूरा जीवन ऐसे ही जिया।”

कमल हासन का कहना था कि इसलिए न तो द्रमुक और न ही कोई अन्य पार्टी पेरियार पर अपना दावा कर सकती है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पेरियार को अपना समझ उत्सव मना सकता है। कमल हासन ने कहा कि वह खुद पेरियार का सम्मान करने वालों में से एक रहे हैं।

‘ये उदयनिधि का निजी विचार’

कमल हासन पहले भी इस विवाद पर अपनी राय रख चुके हैं। उदयनिधि ने सनातन की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। साथ ही इसे खत्म करने की बात भी की थी। इस दौरान उन्होंने इसे उदयनिधि का निजी विचार करार दिया था।

‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विधवा और आदिवासी’

उदयनिधि की टिप्पणी के बाद पीएम मोदी I.N.D.I गठबंधन पर सनातन को नष्ट करने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद ये सनातन विवाद भाजपा और विपक्ष के बीच एक बड़ा विवाद बन गया। इस टिप्पणी पर विपक्ष बँटा हुआ था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपनी पार्टी के सदस्यों से इस पर टिप्पणी नहीं करने का आग्रह किया।

हालाँकि, उदयनिधि ने खुद को सनातन पर आगे टिप्पणी करने से नहीं रोका। जब संसदीय कार्यवाही नए भवन में स्थानांतरित हुई थी तब भी उदयनिधि ने इस तरह की आपत्तिजनक बात की थी। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इसलिए नहीं बुलाया गया था क्योंकि वह एक विधवा और आदिवासी हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया