चिकन और गाय के दूध की बिक्री अलग-अलग जगहों से: आपत्ति के बाद MP सरकार ने बदला फैसला

मध्य प्रदेश: सरकार अलग-अलग दुकानों पर चिकन और दूध की बिक्री के लिए सहमत (फ़ाइल फ़ोटो)

भाजपा द्वारा एक ही छत के नीचे चिकन और गाय का दूध बेचने पर आपत्ति जताए जाने के कुछ दिनों बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार (17 सितंबर) को अलग-अलग दुकानों (पार्लर) से उत्पाद बेचने पर सहमति व्यक्त की है।

पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा, “चूँकि कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है, इसलिए हम अलग-अलग पार्लर (कियोस्क) से चिकन और गाय का दूध बेचेंगे।”

ख़बर के अनुसार, पशुपालन विभाग के सूत्रों ने बताया कि दोनों पार्लरों के बीच दूरी बनाई जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि औपचारिक आदेश अभी तक जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन यह जल्द ही जारी किया जाएगा।

दरअसल, भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा था, इसमें उन्होंने लिखा,

“हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए गाय के दूध का विशेष महत्व है। पवित्रता का प्रतीक भगवान को चढ़ाया जाता है और कई अन्य अवसरों पर इसका उपयोग किया जाता है। मेरा आपसे अनुरोध है कि चिकन और गाय के दूध की बिक्री को एक जगह से रोका जाए। मुझे यकीन है कि दुर्गा उत्सव की शुरुआत से पहले आप यह सुनिश्चित करेंगे कि चिकन और गाय का दूध एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित पार्लरों से बेचा जाएगा।”

राज्य के पशुपालन मंत्री लखन यादव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग का उद्देश्य आदिवासियों को कड़कनाथ का अच्छा दाम दिलाना है। उन्होंने कहा कि चिकन और दूध दोनों अलग-अलग आउटलेट्स में बेचे जा रहे हैं। कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर एचबीएस भदौरिया ने कहा कि चिकन पार्लर स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य महिला स्व-सहायता समूहों की मदद करना है। भविष्य में इस तरह के और पार्लर (कियोस्क) स्थापित किए जाने की संभावना है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया