₹8,58,650: रेगुलर काम-धंधा नहीं करने वाले ‘बेरोजगार’ कन्हैया कुमार की कमाई

घर में गैस का सिलिंडर नहीं लेकिन कार पर घूमते कन्हैया कुमार

कन्हैया कुमार जेएनयू के पूर्व छात्र हैं। फिलहाल बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार भी। कन्हैया कुमार ने कुछ दिन पहले बेगूसराय के जिला निर्वाचन कार्यालय जाकर अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। उनके द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे [pdf] में, उनकी आय, संपत्ति और रोजगार संबंधी विवरण दिया गया है। और यही खुलासे का कारण है।

‘बेरोजगार’ कन्हैया का सबूत

खुलासा शब्द इसलिए क्योंकि कन्हैया कुमार ‘बेरोजगार’ हैं। मतलब वो कोई भी रेगुलर काम-धंधा नहीं करते हैं। खाने-पीने-पहनने भर की कमाई वो स्वतंत्र लेखन से करते हैं। एक किताब लिखी है उन्होंने – ‘बिहार से तिहाड़’ – इसकी रॉयल्टी और कुछ व्याख्यानों से मिले पैसों से ही उनका खर्चा चलता है।

‘बुरा बेटा’ कन्हैया कुमार

‘बेरोजगार’ कन्हैया की कमाई

‘बेरोजगार’ कन्हैया कुमार अब तक 8,58,650 रुपए की कमाई कर चुके हैं। 2017-18 में कन्हैया कुमार की आय 6,30,360 रुपए जबकि 2018-19 में उनकी आय 2,28,290 रुपए की रही। पिछले दो साल में बेरोजगारी के बावजूद 8 लाख रुपए से ज्यादा कमाने वाले कन्हैया अपने घर में एक गैस सिलिंडर तक नहीं खरीद कर दे पाते हैं अफसोस! श्रवण कुमार की धरती पर शायद ऐसे ही बेटों को ‘कपूत’ की संज्ञा दी जाती होगी। हालाँकि कन्हैया यह तर्क फिर से दे सकते हैं कि 3-4 दिन में खत्म हो जाने वाले सिलिंडर को वह साल भर में 100 से ज्यादा खरीदें तो कैसे खरीदें!

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कन्हैया कुमार के हलफनामे पर गौर करें तो उनके पास नकद 24,000 रुपए, दो बैंक खातों में नकद 1,63, 648 रुपए और 50 रुपए के अलावा 1,70,150 रुपए की एक बीमा पॉलिसी भी है। उन्होंने बेगूसराय के अपने घर का बाजार मूल्य 2 लाख रुपए बताया है।

राष्ट्र विरोधी मामले में जमानत पर कन्हैया कुमार

बस जानकारी के लिए यह याद रखें कि कन्हैया कुमार फिलहाल बेल मतलब जमानत पर स्वतंत्र घूम पा रहे हैं। ‘टुकड़े टुकडे गैंग’ के कुख्यात लीडर कन्हैया पर 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में राष्ट्र विरोधी नारे लगाने का आरोप है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले में 1200 पन्नों का आरोप-पत्र भी दाखिल कर चुकी है।

चुनावी माहौल में यह भी याद रखें कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से महागठबंधन के उम्मीदवार बनने वाले थे। लेकिन अपराधी लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कॉन्ग्रेस के गठबंधन ने सीपीआई और सीपीआई-एम को एक भी सीट नहीं दी। बेगूसराय की संसदीय सीट पर अब कन्हैया कुमार का मुकाबला केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और आरजेडी के तनवीर हसन के साथ है। और इस लड़ाई में आँकड़ों की बात करे तो ‘बेचारे’ कन्हैया नंबर तीन पर फिसल गए हैं। खुद गाँव वाले कन्हैया कुमार की जगह मोदी-मोदी का जयकारा लगाए घूम रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया