74 वर्ष तक आजादी को झूठा कहने वाली माकपा ने 15 अगस्त पर पहली बार फहराया तिरंगा, कॉन्ग्रेस ने कहा- बहुत देर से समझ आई

माकपा के पहली बार तिरंगा फहराने पर गहराया विवाद

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) इन दिनों विवादों के घेरे में है। दरअसल, देश की आजादी को 74 वर्ष तक झूठा मानने वाली माकपा ने पहली बार माना कि भारत अब स्वतंत्र है। पार्टी ने स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार भारतीय ध्वज तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया। माकपा की केरल इकाई ने रविवार (15 अगस्त) को तिरुवनंतपुरम के एकेजी सेंटर में पार्टी मुख्यालय में तिरंगा फहराया। समारोह का नेतृत्व पार्टी सचिव ए विजयराघवन ने किया था। इसके तुरंत बाद, पूर्व कॉन्ग्रेस नेता सबरीनाधन केएस ने आरोप लगाया कि झंडा उसी ऊँचाई पर फहराया गया था, जिस पर कम्युनिस्ट पार्टी का झंडा था।

उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं ने फ्लैग कोड का उल्लंघन किया है, जिस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। ध्यान दें कि फ्लैग कोड (पीडीएफ) के अंतर्गत किसी अन्य ध्वज को भारतीय तिरंगे से ऊपर या इसके आसपास नहीं रखा जाना चाहिए।

एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा, “पार्टी सचिव ने एकेजी सेंटर पर भारतीय ध्वज तिरंगा फहराया, लेकिन एक तरह से उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है।” सबरीनाधन ने आगे ​कहा कि राष्ट्रीय ध्वज संहिता (National Flag Code) में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है, राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी अन्य ध्वज को उसके साथ, उससे ऊपर या उसके आसपास नहीं रखा जाना चाहिए। एकेजी केंद्र में इस कानून का उल्लंघन हुआ है। पार्टी के झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से अधिक प्रमुखता दी गई है। हालाँकि, द न्यूज मिनट के अनुसार, सीपीआई (एम) का झंडा राष्ट्रीय ध्वज के नीचे था।

सबरीनाधन केएस के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

गौरतलब है कि इससे पहले, केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (केपीसीसी) के. सुधाकरन ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर माकपा के तिरंगा फहराने के कदम की आलोचना की थी। सुधाकरन ने टिप्पणी की थी, “जो लोग अब स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, वे वही लोग हैं जिन्होंने दुष्प्रचार किया था कि 15 अगस्त एक खतरा है। पार्टी जो 15 अगस्त को अपाथु 15 (Danger 15) कहती थी, अब राष्ट्रीय ध्वज फहराना शुरू कर दिया है। मुझे खुशी है कि सीपीएम ने कम से कम कॉन्ग्रेस की विरासत को पहचाना तो। उन्होंने कहा कि सीपीएम एक ऐसा संगठन है, जिसने गाँधीजी को नकार दिया। उन्हें अतीत की गलतियों को स्वीकार करने का जज्बा दिखाना चाहिए।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया