Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीति74 वर्ष तक आजादी को झूठा कहने वाली माकपा ने 15 अगस्त पर पहली...

74 वर्ष तक आजादी को झूठा कहने वाली माकपा ने 15 अगस्त पर पहली बार फहराया तिरंगा, कॉन्ग्रेस ने कहा- बहुत देर से समझ आई

कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि माकपा के नेताओं ने फ्लैग कोड का उल्लंघन किया है, जिस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। ध्यान दें कि फ्लैग कोड (पीडीएफ) के अंतर्गत किसी अन्य ध्वज को भारतीय तिरंगे से ऊपर या इसके आसपास नहीं रखा जाना चाहिए।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) इन दिनों विवादों के घेरे में है। दरअसल, देश की आजादी को 74 वर्ष तक झूठा मानने वाली माकपा ने पहली बार माना कि भारत अब स्वतंत्र है। पार्टी ने स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार भारतीय ध्वज तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया। माकपा की केरल इकाई ने रविवार (15 अगस्त) को तिरुवनंतपुरम के एकेजी सेंटर में पार्टी मुख्यालय में तिरंगा फहराया। समारोह का नेतृत्व पार्टी सचिव ए विजयराघवन ने किया था। इसके तुरंत बाद, पूर्व कॉन्ग्रेस नेता सबरीनाधन केएस ने आरोप लगाया कि झंडा उसी ऊँचाई पर फहराया गया था, जिस पर कम्युनिस्ट पार्टी का झंडा था।

उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं ने फ्लैग कोड का उल्लंघन किया है, जिस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। ध्यान दें कि फ्लैग कोड (पीडीएफ) के अंतर्गत किसी अन्य ध्वज को भारतीय तिरंगे से ऊपर या इसके आसपास नहीं रखा जाना चाहिए।

एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा, “पार्टी सचिव ने एकेजी सेंटर पर भारतीय ध्वज तिरंगा फहराया, लेकिन एक तरह से उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है।” सबरीनाधन ने आगे ​कहा कि राष्ट्रीय ध्वज संहिता (National Flag Code) में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है, राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी अन्य ध्वज को उसके साथ, उससे ऊपर या उसके आसपास नहीं रखा जाना चाहिए। एकेजी केंद्र में इस कानून का उल्लंघन हुआ है। पार्टी के झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से अधिक प्रमुखता दी गई है। हालाँकि, द न्यूज मिनट के अनुसार, सीपीआई (एम) का झंडा राष्ट्रीय ध्वज के नीचे था।

सबरीनाधन केएस के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

गौरतलब है कि इससे पहले, केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (केपीसीसी) के. सुधाकरन ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर माकपा के तिरंगा फहराने के कदम की आलोचना की थी। सुधाकरन ने टिप्पणी की थी, “जो लोग अब स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, वे वही लोग हैं जिन्होंने दुष्प्रचार किया था कि 15 अगस्त एक खतरा है। पार्टी जो 15 अगस्त को अपाथु 15 (Danger 15) कहती थी, अब राष्ट्रीय ध्वज फहराना शुरू कर दिया है। मुझे खुशी है कि सीपीएम ने कम से कम कॉन्ग्रेस की विरासत को पहचाना तो। उन्होंने कहा कि सीपीएम एक ऐसा संगठन है, जिसने गाँधीजी को नकार दिया। उन्हें अतीत की गलतियों को स्वीकार करने का जज्बा दिखाना चाहिए।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe