जानें कौन हैं कॉन्ग्रेस सांसद धीरज साहू… जिनके ठिकानों पर IT छापे में मिला नोटों का पहाड़, गिनते-गिनते मशीनें भी खराब, ₹300 करोड़ से ज्यादा बरामद

जानिए कॉन्ग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू के बारे में जिनके ठिकानों से सैकड़ों करोड़ रुपए हुए हैं बरामद ( चित्र साभार- X/@dpsahuINC)

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में करारी हार के बाद साल 2024 लोकसभा चुनावों से पहले कॉन्ग्रेस पार्टी को उनके ही सांसद धीरज प्रसाद साहू ने और मुसीबत में डाल दिया है। आयकर विभाग ने 9 दिसंबर 2023 को झारखंड कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों पर छापेमारी के बाद सैकड़ों करोड़ रुपए कैश और अन्य बेहिसाब सम्पत्तियाँ बरामद की हैं। कॉन्ग्रेस सांसद की संपत्ति की जाँच अभी भी जारी है जिस से बरामदगी की राशि और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से 300 करोड़ रुपए से अधिक बेनामी सम्पत्ति बरामद होने का मामला चर्चा में आते ही कॉन्ग्रेस ने खुद को इस विवाद से अलग करने का प्रयास किया। कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने X हैंडल से कहा कि उनकी पार्टी का अपने ही सांसद के इन कारनामों से कोई लेना-देना नहीं है। बकौल जयराम रमेश सांसद साहू ही बता सकते हैं कि उन्होंने इतना पैसा कैसे और कहाँ से जुटाया। उन्होंने अपनी पार्टी के आरोपित सांसद से इस मामले में सफाई देने की भी अपेक्षा की।

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग की छापेमारी से बरामद हुआ पैसा ओडिशा स्थित बुद्धा डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उसके जुड़े संगठनों से संबंधित है। कॉन्ग्रेस सांसद धीरज साहू का कोई बंटी नाम का सहयोगी भी प्रकाश में आया है जो ओडिशा के कई हिस्सों में शराब कारोबार को संभालता है। बंटी के घर से कैश भरे उन्नीस बैग मिले हैं। इस कैश को गिनने के लिए तीन दर्जन मशीनें लगाई गईं हैं जिसमें से कुछ गिनती के तौर खराब भी हो गईं थीं। इसी खराबी के चलते बरामदगी गिनने में अतिरिक्त समय लगा।

बोलांगीर में भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक भगत बेहेरिया ने कथित तौर पर बताया है कि बैंक को नोटों से भरे कुल 176 बैग मिले हैं। इन नोटों को गिनने के लिए 25 काउंटिंग मशीनों के साथ 50 कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं।

कौन हैं धीरज प्रसाद साहू

धीरज प्रसाद साहू का परिवार पुराना कॉन्ग्रेसी है। राज्यसभा की वेबसाइट के मुताबिक धीरज साहू अपने परिवार को आजादी के समय से ही कॉन्ग्रेस से जुड़ा बताते हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि वो साल 1978 में जेल भरो आंदोलन का हिस्सा भी थे। वो बुद्धा डिसिलरिज ग्रुप की कंपनी की बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में पार्टनर हैं। धीरज प्रसाद ने अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत साल 1977 में नेशनल लीडर यूनियन ऑफ इंडिया (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) के एक मेंबर के तौर पर शुरू किया था। धीरे-धीरे वो इस क्षेत्र में मंझते चले गए बाद में कॉन्ग्रेस ज्वाइन कर लिया।

धीरज ने झारखंड कॉन्ग्रेस के बड़ी बड़े दायित्व भी संभाले हैं। साल 2009 में धीरज साहू पहली बार उपचुनाव में राज्यसभा सदस्य चुने गए। इसी पद पर साल 2010 में फिर उनका चयन हुआ। मई 2018 में वह तीसरी बार झारखंड से कॉन्ग्रेस पार्टी से राज्यसभा गए। साल 2010 से अब तक सांसद साहू ने राज्यसभा में कुल 630 सवाल किए हैं। ये प्रश्न नवीनतम कवच सुरक्षा प्रणाली, धान की खरीद, राष्ट्रीय राजमार्ग, कोयला खनन, हवाई अड्डों के निजीकरण आदि मामलों से जुड़े हैं।

धीरज प्रसाद साहू ने नवंबर 2022 में राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा लिया था। अपने X हैंडल पर धीरज ने इस यात्रा में अपनी भागीदारी की कुछ तस्वीरें भी शेयर की थीं। इसके बाद फरवरी 2023 में साहू ने इसी यात्रा का एक वीडियो शेयर करते हुए इसे बेहद सफल और इसमें शामिल होना अपने लिए गर्व का विषय बताया था।

नकदी बरामद होने पर कॉन्ग्रेस पर भाजपा हमलावर

कॉन्ग्रेस सांसद के ठिकानों से बरामद हुई अकूत बेनामी सम्पत्ति के बाद भाजपा लगातार कॉन्ग्रेस की आलोचना कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X हैंडल से दैनिक भास्कर की इस मैटर पर छपी रिपोर्ट का हवाला दिया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस की कथनी और करनी में दिखे फर्क पर व्यंग किया और कहा कि वो उन पैसों को लौटाने की गारंटी लेते हैं जो जनता से लूटा गया है।

भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने इस मामले की जाँच ED (प्रवर्तन निदेशालय) से करवाने की माँग की है। उन्होंने दावा किया है कि गहराई से जाँच होने पर कॉन्ग्रेस सांसद धीरज के पास अभी और अघोषित सम्पत्ति निकलेगी। निशिकांत ने राहुल गाँधी की यात्रा को ‘भ्रष्टाचारी जोड़ो यात्रा’ बताया। वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी मीडिया से कहा, ”मोहब्बत की दुकान पर भ्रष्टाचार का कारोबार चल रहा है।” उन्होंने इस मुद्दे पर कॉन्ग्रेस द्वारा सफाई की माँग की। स्मृति ईरानी ने इन नेताओं को गाँधी परिवार का ATM बताया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया