मृदुभाषी ‘बिल्डर’ के हाथों में गुजरात की कमान: ‘दादा भगवान’ के भक्त भूपेंद्र पटेल ने ली CM पद की शपथ, गौपूजा भी की

भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ (फाइल फोटो)

भाजपा नेता भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। बता दें कि भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद के घाटलोडीया से विधायक हैं। 2017 में उन्होंने कॉन्ग्रेस के शशिकांत पटेल को 1.17 लाख वोटों से मात दी थी, जो उस विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत भी थी। पाटीदार समुदाय से आने वाले भूपेंद्र को आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है।

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आनंदीबेन पटेल ने ही नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। फ़िलहाल वो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं। भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की है। 2017 विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरते समय उन्होंने 5 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। भूपेंद्र पटेल ने सोमवार (13 सितंबर, 2021) को दोपहर 2:20 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उससे पहले उन्होंने स्वामीनारायण मंदिर में गौपूजा भी की।

उससे पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल से भी मुलाकात की। भूपेंद्र पटेल अब तक भाजपा के लो प्रोफ़ाइल नेता रहे हैं और चुपचाप काम करने में यकीन रखते हैं। उन्हें मृदुभाषी एवं सबके साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए जाना जाता है। एक नेता का कहना है कि आनंदीबेन पटेल के मुख्यमंत्रित्व काल में वो AUDA अध्यक्ष थे और सीएम तक उनकी सीधी पहुँच थी, लेकिन उन्होंने कभी इस पर घमंड नहीं किया।

गुजरात में अगले 15 महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात में अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और बड़ोदरा जैसे बड़े शहर हैं, ऐसे में शहरी क्षेत्र में उनके अनुभव का फायदा सरकार को मिल सकता है। भाजपा ने अबकी ग्रामीण की जगह एक शहरी चेहरे को कमान दी है। AAP गुजरात के शहरों में ही पाँव जमा रही है और सूरत के नगरपालिका चुनाव में उसे कुछ सीटें भी मिली हैं। इसीलिए, भाजपा अपना शहरी गढ़ मजबूत रखना चाहती है।

भूपेंद्र पटेल पाटीदार समाज के ‘कड़वा’ समुदाय से आते हैं। इससे पहले गुजरात में पाटीदार समाज से जो पिछले 4 मुख्यमंत्री ने हैं, वो सभी ‘लेउवा’ समुदाय से आते थे। भाजपा की बैठक में खुद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अगले सीएम के रूप में भूपेंद्र पटेल का नाम प्रस्तावित किया। पेशे से बिल्डर होने के बावजूद आज तक किसी विवादित जमीन करार या फिर या रियल्टी प्रोजेक्ट में उनका नाम नहीं आया है।

जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, जब भूपेंद्र पटेल AMC की स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष थे। वो मेमनगर म्युनिसिपल्टी के भी अध्यक्ष रहे हैं। वो ‘दादा भगवान’ सिद्धांत का अनुसरण करते हैं। भूपेंद्र पटेल के शपथग्रहण समारोह में खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे। भाजपा अब राज्य में नया मंत्रिमंडल भी बनाएगी, जिसमें कई नए चेहरे होंगे। कई पुराने चेहरों की छुट्टी तय मानी जा रही है।

लंबे समय से RSS से जुड़े रहे भूपेंद्र पटेल गुजरात की विजय रुपाणी सरकार में मंत्री भी थे। वो 2015-17 में ‘अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (AUDA)’ के अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्ष 1999-2000 में भूपेंद्र पटेल स्थायी समिति के अध्यक्ष और मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष रहे थे। 2010-15 के दौरान वे थलतेज वार्ड से पार्षद रहे थे। पटेल पाटीदार संगठनों सरदार धाम और विश्व उमिया फाउंडेशन में ट्रस्टी भी हैं। 2008-10 में उन्होंने एएमसी के स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष का पद संभाला था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया