पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में रैली निकाल रहे भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को हिरासत में लिया गया है। इस रैली की शुरुआत कोलकाता के टॉलीगंज फेरी से होने वाली थी। मगर जैसे ही बीजेपी नेताओं ने रैली की शुरुआत की, तभी कोलकाता पुलिस ने सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया।
बताया जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही कई अन्य बीजेपी नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। बता दें कि कोलकाता में CAA के समर्थन में बीजेपी द्वारा कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल राय के नेतृत्व में रैली निकाली जा रही थी। लेकिन राज्य की ममता बनर्जी सरकार की पुलिस ने रैली को रुकवाया और उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस का कहना है कि भाजपा नेता पुलिस की अनुमति के बिना कथित रूप से मार्च आयोजित करना चाहते थे जिसके बाद उन्हें पुलिस वैन में हिरासत में लिया गया और स्थान से दूर ले जाया गया।
उल्लेखनीय है कि एक तरफ जहाँ विपक्षी पार्टियाँ CAA के विरोध में जमकर रैलियाँ कर रही हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी CAA के समर्थन में रैली कर रही है। लेकिन भाजपा की रैली करने से रोका जा रहा है। जबकि विपक्षी पार्टियाँ भाजपा शासित राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। लेकिन भाजपा को अपने राज्य में CAA के समर्थन में रैली नहीं करने दे रही हैं।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकतंत्र की खूब दुहाई देती हैं। लेकिन यही ममता बनर्जी अपने राज्य में विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही हैं और तब उन्हें लोकतंत्र मजबूत नजर आता है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में CAA के खिलाफ जमकर हिंसा हुई थी। कैलाश विजयवर्गीय ने एक घटना का जिक्र करते हुए दावा किया था कि मजहबी भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेर रखा था। उन्होंने ट्वीट किया है, “मुर्शिदाबाद जाते हुए मुझे नवग्राम के पास मुस्लिमों की बड़ी भीड़ ने घेर लिया है। मेरी गाड़ी के दोनों तरफ भीड़ जमा है। प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा। SP और DG भी फ़ोन नहीं उठा रहे। पश्चिम बंगाल में अराजक सरकार के रहते कुछ भी हो सकता है। यहाँ किसी की जान सुरक्षित नहीं है।”
इससे पहले डीसीपी पर दंगाइयों ने बम फेंका था। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से हिस्सा की खबरें लगातार आ रही थी। सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे की संपत्तियों को पहुॅंचाया गया। मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना, बीरभूम, नदिया और हावड़ा जिलों से हिंसा, लूट और आगजनी की कई घटनाएँ सामने आई हैं।