वरुण ने किया था इनकार लेकिन मेनका कर सकती हैं अमेठी में राहुल के खिलाफ चुनाव प्रचार

मेनका गाँधी का कॉन्ग्रेस पर बड़ा बयान

केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी को भाजपा ने सुल्तानपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा की उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पहली बार सड़क मार्ग से सुल्तानपुर जा रही मेनका गाँधी का जगदीशपुर में भाजपाइयों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान जब पत्रकारों ने मेनका गाँधी से अमेठी में चुनाव प्रचार करने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने ये कहकर कॉन्ग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी कि अगर पार्टी कहेगी तो वो राहुल गाँधी के खिलाफ प्रचार करने के लिए अमेठी भी जाएँगी। वैसे मेनका का ये बयान इसलिए भी खास हो जाता है, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी के रूप में पाँच साल पहले सुल्तानपुर से चुनाव लड़ने आए उनके बेटे वरुण गाँधी ने तब इसी सवाल के जवाब पर कहा था कि वे अपने चचेरे भाई के खिलाफ चुनाव प्रचार नहीं करेंगे।

शनिवार (मार्च 30, 2019) को मेनका गाँधी ने शहर के राजीव गाँधी पार्क में बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने मंच से कहा कि वो यहाँ न्याय का रास्ता खोलने आई हैं। अन्याय करने वाला चाहे जितना भी बड़ा क्यों न हो, उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। मेनका ने कहा कि उन्होंने हमेशा गरीबों व मजलूमों की लड़ाई लड़ी है, इसी कारण वह पीलीभीत से पिछले सात बार से सांसद चुनी गईं और सुल्तानपुर चुनाव में भी उनका मुद्दा विकास ही होगा।

संबोधन के दौरान भावुक होती हुई मेनका ने कहा कि उनके पति संजय गाँधी का सुल्तानपुर, अमेठी से पुराना लगाव था और उन्होंने अपने पति के साथ ही सुल्तानपुर से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। मेनका ने कहा कि उनके पति की मृत्यु के दो दशक बाद भी यहाँ की जनता ने जिस तरह से उनका और उनके बेटे वरुण गाँधी का सम्मान किया है, उसके लिए वो उनकी आभारी हैं। आगे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी ने देश में जो कुछ किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। उनके द्वारा महिलाओं के लिए शौचालय, गरीब किसानों के लिए उनके खाते में 6 हजार रुपए की सहायता राशि, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना जैसी कई सुविधाएँ जनता को उपलब्ध कराई गई हैं।

गौरतलब है कि मेनका के पति संजय गाँधी, अमेठी से गाँधी-नेहरू परिवार के पहले सांसद थे। वे 1980 में यहाँ से सांसद बने। 23 जून 1980 को संजय गाँधी की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद साल 1984 में मेनका खुद राजीव गाँधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया