10 साल तक की सजा, ₹1 लाख तक का जुर्माना: शादी के लिए धर्मांतरण MP में वैध नहीं, नया कानून तैयार

मध्य प्रदेश के नए अधिनियम को लेकर हुई बैठक में CM चौहान

मध्य प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी चल रही थी, जिसकी रूपरेखा लगभग पूरी कर ली गई है। मध्य प्रदेश के नए ‘धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, 2020’ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार (दिसंबर 5, 2020) को चर्चा की। विवाह या किसी भी अन्य माध्यम से जबरन धर्मांतरण कराने पर राज्य में आरोपित को 10 वर्ष तक की जेल की सजा और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।

साथ ही अगर सिर्फ धर्मांतरण के उद्देश्य से ही विवाह किया जा रहा है, तो इसे वैध नहीं माना जाएगा। नए अधिनियम के मुताबिक, अगर किसी को भी धर्मांतरण करना है, तो इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष 1 माह पूर्व ही सूचना देनी पड़ेगी। लोक संपर्क विभाग के अधिकारियों ने सीएम चौहान की बैठक में हिस्सा लिया। शादी या किसी भी अन्य माध्यम से, जबरन या प्रलोभन देकर – किसी को भी किसी दूसरे को इन तरीकों से धर्मांतरण कराने की अनुमति नहीं होगी

भ्रमित कर के, प्रलोभन देकर, धमकी दे कर और शादी कर के – इन चारों माध्यमों से धर्मांतरण अवैध होगा और उस पर सज़ा मिलेगी। अगर किसी नाबालिग, महिला या SC/ST (दलित) समुदाय के लोगों का इन तरीकों से धर्मांतरण कराया जाता है तो आरोपित को अधिकतम सज़ा मिलेगी। साथ ही इन तरीकों से सामूहिक धर्मांतरण के बाद भी 10 साल कारावास की सज़ा दी जाएगी। आरोपित के माता-पिता या अन्य ‘ब्लड रिलेटिव्स’ मामला दर्ज करा सकते हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा:

“प्रस्तावित अधिनियम के अनुसार, स्वतंत्र इच्छा से धर्म परिवर्तन की दशा में धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वाले/वाली तथा धार्मिक पुजारी को, उस‍ जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहाँ धर्म परिवर्तन संपादित किया जाना हो, एक माह पूर्व घोषणा पत्र/सूचना पत्र देना बंधनकारी होगा। किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 01 वर्ष से 05 वर्ष का कारावास व कम से कम 25 हजार रुपए का अर्थदण्ड होगा। नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रकरण में 02 से 10 वर्ष के कारावास तथा कम से कम 50 हजार रूपए अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है।”

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के नए अधिनियम को लेकर दी जानकारी

साथ ही इन मामलों की जाँच सब-इंस्पेक्टर (उप पुलिस-निरीक्षक) या फिर उससे ऊपर के रैंक के पुलिस अधिकारी ही करेंगे। यह अपराध संज्ञेय, गैर जमानती और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होगा। अभियुक्त पर ये साबित करने का भार होगा कि धर्मांतरण नहीं किया गया है। अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 03 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। 

इससे पहले  सीएम शिवराज ने ‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ पर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि सरकार सभी धर्मों और जातियों की है। सीएम ने कहा था, “हमारे राज्य में कोई भेदभाव नहीं है, लेकिन अगर कोई हमारी बेटियों के साथ कुछ भी घृणित करने की कोशिश करेगा तो उन्हें मैं छोड़ूँगा नहीं। अगर कोई धार्मिक परिवर्तन करता है या ‘लव जिहाद’ जैसा कुछ करता है उन्हें भी सजा मिलेगी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया