महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जामिया मिलिया में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की तुलना 1919 में हुए जलियांवाला बाग से की। मुख्यमंत्री ने कहा था कि युवा छात्र बम की तरह होते हैं।
ठाकरे के इस विवादित बयान को लेकर महाराष्ट्र के वडाला के रहने वाला एक शख्स ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। जो कि उसे काफी महँगा साबित हुआ और उसे इसका खामियाजा शिवसैनिकों के गुंडागर्दी के रूप में भुगतना पड़ा। बताया जा रहा है कि राहुल तिवारी नाम के फेसबुक प्रोफाइल से टिप्पणी की गई है, जबकि उसका असली नाम हीरामणि तिवारी है।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी करने पर शिवसेना सैनिकों ने उसके साथ बदसलूकी की, हाथापाई, मारपीट की और फिर जबरन उसका मुंडन करा दिया। पीड़ित व्यक्ति ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिनलोगों ने उनके साथ मारपीट की है, वो उनको अच्छी तरह से जानते हैं। उनका कहना है कि सभी शिव सैनिकों ने मिलकर उन्हें पीटा। उन्होंने बताया कि दो शाखा प्रमुख ने मिलकर उनकी पिटाई की।
आगे हीरामणि तिवारी ने कहा, “मुझे पता चला कि शिव सैनिकों ने मुझे पीटने के लिए अलग से एक महिला टीम को भी तैयार कर रखा था। अगर मेरी तरफ से कोई महिला पलटवार करती तो वो उनसे निपटतीं। जहाँ तक मुझे जानकारी मिली है शिवसैनिकों ने ये सब कुछ प्लानिंग के साथ किया है। उन्होंने शिवसेना शाखा के पास पुलिस खड़ी कर रखी थी, जो कि घटना के 2-3 मिनट बाद ही वहाँ पहुँची।”
https://twitter.com/Mumbaikhabar9/status/1209043776334893061?ref_src=twsrc%5Etfwआगे हीरामणि तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनलोगों ने उनके अकेले होने का फायदा उठाया है। उनको सजा मिलनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनलोगों ने उन्हें इतनी बुरी तरह से पीटा कि उनके कान का पर्दा फट गया है। उन्होंने शिवसेना सैनिकों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है, ताकि फिर किसी को इस तरह से पीटने की हिम्मत न हो।