मैं बनूँगा ये मंत्री, वो बनेगा वो मंत्री… सरकार गठन से पहले ही कॉन्ग्रेसी नेताओं ने शुरू कर दी लॉबिंग

मंत्री वाली कुर्सी के लिए कॉन्ग्रेस में मार! (फोटो साभार : अमर उजाला)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद वहाँ की राजनीति में चल रही उठा-पटक अब थमने के कगार पर है। खबर है कि कल देर रात एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके विधायक बेटे आदित्य ठाकरे के साथ बैठक के बाद समीकरण की सारी तस्वीर साफ हो गई। कॉन्ग्रेस और एनसीपी ने 2 दिनों तक मंथन के बाद साफ कर दिया कि वे शिवसेना के साथ आपसी सहमति पर सरकार बनाने के लिए राजी हैं।

अब कहा जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार को इन तीनों दलों की इस मामले पर अंतिम बैठक के बाद 48 घंटे के भीतर प्रदेश में सरकार का गठन का ऐलान हो सकता है। क्योंकि इससे पहले कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी ने एनसीपी और शिवसेना के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार गठन को लेकर अपनी हरी झंडी दे दी है।

वहीं, प्राप्त जानकारी के अनुसार कॉन्ग्रेस की तरफ से आज होने वाली बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल का मुंबई जाना तय हुआ है। जहाँ ये तीनों नेता शिवसेना नेतृत्व और एनसीपी नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे। और फिर सरकार गठन का औपचारिक ऐलान हो सकता है।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस-एनसीपी के खिलाफ़ भाजपा के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने वाली शिवसेना अब जब अपने प्रतिद्वंदियों के साथ ही गठबंधन कर सरकार बनाने को तैयार है, और लंबे समय तक सोच विचार करने के बाद सोनिया गाँधी भी इसके लिए मान गई हैं। लेकिन इस बीच कॉन्ग्रेस के छोटे नेता (राज्य स्तरीय नेता) प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार बनते देख कर खुद को मंत्री बनाने के लिए लॉबिंग में जुट गए हैं। विधायक से मंत्री बनने तक की चाहत में इन नेताओं की तरह-तरह बयानबाजी इन दिनों सामने आ रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स (सूत्रों के अनुसार ही सही) की बात करें तो में बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में मुख्यमंत्री शिवसेना का बनेगा। जबकि एनसीपी और कॉन्ग्रेस के खाते में उपमुख्यमंत्री पद आएगा, जिसके लिए अजीत पवार और बालासाहेब थोराट का नाम फिलहाल सबसे आगे चल रहा है। जानकारी के अनुसार विधानसभा स्पीकर पद कॉन्ग्रेस को मिलने के आसार हैं, जबकि मंत्रालयों का बँटवारा पार्टी की संख्या के आधार पर होगा।

जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ नेता ने दलों के बँटवारे के बारे में बात करते हुए बताया कि शिवसेना और एनसीपी को लगभग बराबर की हिस्सेदारी सत्ता में मिलेगी, लेकिन कॉन्ग्रेस को कुछ कम में संतोष करना पड़ेगा। वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि एनसीपी अभी भी रोटेशन के आधार पर मुख्यमंत्री पद की माँग कर रही हैं। जबकि दूसरे नेता ने कहा है कि ये मामला अब पूरी तरह साफ है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया