‘इनको जिंदा जला देना चाहिए’: कॉन्ग्रेस कार्पोरेटर ने सरकारी कर्मचारियों को धमकाया, महाराष्ट्र के पार्टी अध्यक्ष भी थे साथ

नागपुर में कॉन्ग्रेस कॉर्पोरेटर ने सरकारी कर्मचारियों को धमकाया

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से हालात बदतर हैं। स्वास्थ्य सेवा चरमराई हुई है। लेकिन, राज्य की सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी के नेताओं की अकड़ में कोई कमी नहीं है। हाल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब सत्ताधारी गठबंधन के नेता कोरोना फ्रंटलाइन वॉरियर्स को धमकाते नजर आए हैं।

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ग्रेस के कार्पोरेटर बंटी शेलके पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के साथ नागपुर के नगर पालिका निगम के कार्यालय पहुँचे और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें धमकाया। अपने आपत्तिजनक आचरण के लिए कर्मचारियों की अक्षमता को वजह बताने वाले शेलके ने एक विवादित बयान भी दिया।

प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पटोले की मौजूदगी में, शेलके ने कहा कि अक्षमता के लिए कर्मचारियों को ‘जिंदा जला दिया जाना चाहिए।’ अब देखना ये है कि ऐसे मुश्किल समय में कॉन्ग्रेस कॉर्पोरेटर पर दुर्व्यवहार और कथित तौर पर काम में व्यवधान डालने की कोशिशों के लिए कोई कार्रवाई की जाती है या नहीं।

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पिछले सप्ताह इसी तरह एक कोविड हॉस्पिटल में शिवसेना पार्षद संध्या दोषी ने हंगामा खड़ा कर दिया था। अपने रसूख का अनुचित फायदा नहीं मिलने पर वह बिफर गईं थी। इतना ही नहीं उनके साथ अस्पताल में आए शख्स ने मास्क तक नहीं पहन रखा था।

सोनिया गाँधी राज्य सरकार से खुश

इस बीच, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने कोरोना वायरस संकट के ‘पेशेवर और पारदर्शी संचालन’ के लिए महाविकास अघाडी सरकार की प्रशंसा की है। उन्होंने सरकार के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट के प्रदर्शन पर भी संतोष व्यक्त किया।

स्वास्थ्य संरचना बदहाल

महाराष्ट्र में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 66,358 नए मामले सामने आए। 895 मौतें हुई। इससे राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 66,179 हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य ढाँचे की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। महाराष्ट्र के बीड से एक अमानवीय तस्वीर सामने आई थी। यहाँ एक एंबुलेंस में 22 शवों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर श्मशान लाया गया और फिर एक चिता पर 2-3 लाश रख अंतिम संस्कार किया गया।

अस्पताल में हादसों का सिलसिला भी थमता नहीं दिख रहा है। ठाणे जिले में बुधवार तड़के अस्पताल में आग लगने से 4 मरीजों की मौत हो गई। पिछले हफ्ते विरार के एक अस्पताल में आग लगने से 13 मरीजों की मौत हो गई थी। उससे पहले ऑक्सीजन टैंकर के रिसाव से नासिक के एक अस्पताल में 23 लोगों की जान चली गई थी। ठाणे की घटना से पहले पिछले चार महीने में महाराष्ट्र के अस्पतालों में चार हादसों में कम से कम 57 लोग अपनी जान गँवा चुके हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया