‘हिंदू भगाओ, रोहिंग्या-बांग्लादेशी बसाओ पैटर्न का हिस्सा है मालवणी’: 5 साल पहले थे 108 हिंदू परिवार, आज बचे हैं 7

इस साल की शुरुआत में मंगल प्रभात लोढ़ा ने मालवणी का दौरा भी किया था (फाइल फोटो)

मुंबई का मालवणी (Malvani) हाल में सुर्खियों में रहा है। पिछले दिनों एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिससे पता चला था कि मुस्लिम बहुल इस इलाके से कैसे हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसी इलाके में भगवान राम के पोस्टर फाड़ने के आरोप पुलिस पर विहिप (VHP) के कार्यकर्ताओं ने लगाए थे। अब मुंबई बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा ने मलाड-मालवणी में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर आवाज उठाई है।

लोढ़ा ने गुरुवार (मार्च 4, 2021) को महाराष्ट्र विधानसभा में यह मसला उठाया। उन्होंने बताया कि मुंबई के इस इलाके में हिंदुओं के साथ जो कुछ हो रहा है वह कश्मीर, कैराना या असम की घटनाओं से कम नहीं है। यहाँ भी अल्पसंख्यक हिंदुओं को डरा-धमका कर पलायन करने को मजबूर किया जा रहा है। 

लोढ़ा ने बताया कि मालवणी में हिंदू पलायन का एक पैटर्न है। जहाँ हिंदुओं को धमकाया जाता है। उन्हें उनके घरों को छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने राज्य के गृह मंत्रालय पर सवाल खड़े करते हुए असम की याद दिलाई।

उन्होंने कहा कि एक समय असम में कुछ ऐसा ही हुआ था। धीरे-धीरे हिंदुओं को खदेड़ा गया कि और कई हिंदू बहुल क्षेत्र बांग्लादेश से आए मुस्लिम बहुल बन गए। यूपी के कैराना में भी यही हुआ और कश्मीरी पंडितों के साथ भी यही हुआ। अब मालवणी भी वहीं सब झेल रहा है।

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मालवणी विधानसभा क्षेत्र में लोढ़ा ने हिंदुओं की घटती संख्या पर सबका ध्यान दिलवाया। कहा, “अगर आप मलाड-मालवणी क्षेत्र में विधानसभा मतदाता सूची देखें, तो हिंदू मतदाताओं की संख्या में लगभग 15,000 की कमी आई है, जबकि मुस्लिम मतदाता 12,000 से बढ़ गए हैं।”

लोढ़ा ने ये भी कहा कि मालवणी में हिंदुओं को साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें बेदखल करने की कोशिश होती है ताकि रोहिंग्या मुसलमानों व बांग्लादेशियों व अन्य लोगों को बसाया जा सके।

मालवणी के छेड़ा नगर का उदाहरण देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वहाँ 5 साल पहले 108 हिंदू परिवार रहते थे। अब घरों की संख्या वही है, बस फर्क ये पड़ा है कि वहाँ हिंदू के केवल 7 घर बचे हैं। बाकी 101 को वहाँ से जाना पड़ा क्योंकि समुदाय विशेष ने उनके ओपन स्पेस में मस्जिद बना ली थी, जहाँ दिन रात आवाज आती थी और जब कोई शिकायत करने को जाता तो शिकायत नहीं होती। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की। साथ ही एक कमेटी बनाने को भी कहा जो हिंदुओं की पीड़ा सुन सके।

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अपनी बात रखते हुए लोढ़ा ने बताया कि मुंबई का ये इलाका ऐसा है जहाँ स्वयं पुलिस अधिकारियों ने श्रीराम भगवान के पोस्टर फाड़े और जब आम जन इसकी शिकायत करने गया तो उनकी सुनवाई तक नहीं हुई। जनवरी 2021 में इस संबंध में कम से कम 3 वीएचपी सदस्य गिरफ्तार हुए थे।

दरअसल, उस समय उन कार्यकर्ताओं ने राम मंदिर निधि संकलन अभियान के तहत राम मंदिर और श्रीराम के पोस्टर लगा दिए थे, लेकिन शाम को जब वह वहाँ लौटे तो उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों को उसे फाड़ते देखा। पुलिस का ऐसा चेहरा देख वे घटना मोबाइल में रिकॉर्ड करने लगे। जैसे ही अधिकारियों को संदेह हुआ उन्होंने फौरन कार्यकर्ताओं को पीटना शुरू कर दिया।

लोढ़ा ने इसी स्थिति को सत्र के दौरान सबके सामने रखा। ये भी बताया कि कैसे हिंदुओं की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उल्लेखनीय है कि भाजपा मुंबई अध्यक्ष के इस स्पीच से पूर्व जनवरी 2021 में मालवणी से खबर आई थी कि वहाँ मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदुओं को लगातार डराया-धमकाया जा रहा है कि वो अपनी घर-जमीन छोड़कर वहाँ से पलायन कर जाएँ।

मंगल प्रभात लोढ़ा ने इस इलाके का दौरा भी किया था। उन्होंने क्षेत्र में पहुँच कर स्थानीय लोगों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने मालवणी में हिंदुओं की स्थिति को कश्मीरी पंडितों से जोड़ा। साथ ही स्थानीय प्रशासन से अपील की कि वह बिन भेदभाव के दलितों के साथ हो रही नाइंसाफी के लिए आरोपितों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें और पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान करें।

उस समय स्थानीय लोगों ने बताया था कि हिंदू परिवारों पर दबाव बनाने वाले गुंडों को स्थानीय कॉन्ग्रेस नेता व महा विकास आघाड़ी सरकार में कैबिनेट मंत्री असलम शेख का संरक्षण प्राप्त है। एक पीड़ित का दावा था कि समुदाय विशेष के लोग हिंदुओं की जमीन पर कब्जा करते हैं और बाद में दरगाह व मदरसों का निर्माण कर देते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया