मणिपुर में कुकी समूह की अनुसूचित जनजाति स्टेटस पर सवाल: सीएम बीरेन सिंह समीक्षा के लिए बनाएँगे कमिटी, मैतेई बोले- ये शरणार्थी हैं

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (फोटो साभार : स्वराज्य)

मणिपुर में मैतेई समूह को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने के निर्णय का कुकी समुदाय ने विरोध किया था और राज्य में हिंसा भड़क उठी थी। अब राज्य सरकार ने कुकी को दी गई अनुसूचित जनजाति की स्टेटस पर विचार करना शुरू कर दिया है और इसके लिए एक कमिटी बनाई है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार (9 जनवरी 2024) को कहा कि राज्य के अनुसूचित जनजाति की सूची से कुकी समुदाय को हटाने के प्रस्ताव पर सर्व-जनजाति समिति निर्णय लेगी।

मुख्यमंत्री का यह बयान केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार से कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने के प्रस्ताव पर विचार करने के अनुरोध के बाद आया है। इससे पहले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के राष्ट्रीय सचिव महेश्वर थौनाओजाम ने माँग की थी कि केंद्र सरकार सही ढंग से निर्धारित करे कि मणिपुर की अनुसूचित जनजातियों की सूची में किसे होना चाहिए। उन्होंने मैतेई लोगों को सूची में शामिल करने का मामला भी उठाया।

थौनाओजम के प्रतिनिधित्व में 13 दिसंबर 2023 को इस बाबत माँग पत्र भेजा गया था। इसके बाद जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने 26 दिसंबर 2023 को मणिपुर सरकार के जनजातीय एवं पहाड़ी मामलों के विभाग को इस बारे में पत्र भेजा और कहा कि सूची में से किसी को हटाने या शामिल करने के लिए राज्य सरकार की सिफारिश की जरूरत होगी। इसको देखते हुए अब राज्य सरकार ने कमेटी बनाने का फैसला लिया है। यह कमिटी निर्णय करेगी कि कुकी को ST वर्ग में रखना चाहिए या नहीं।

महेश्वर थौनाओजाम ने कहा कि यह एक विषम स्थिति है कि कुकियों को मणिपुर में एसटी का दर्जा प्राप्त है, जबकि मैतेइयों को नहीं। थौनाओजम ने कहा कि भारत की पूर्ववर्ती ब्रिटिश सरकार के रिकॉर्ड, ऐतिहासिक आँकड़े और चेथारोन खुम्पाबा राजपरिवार के रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, “रॉयल क्रॉनिकल ऑफ द किंग्स ऑफ मणिपुर के हिसाब से मणिपुर में रहने वाले कुकी सभी शरणार्थी/प्रवासी हैं। दूसरी ओर मैतेई लोग मणिपुर की मूल जनजातियों के वंशज हैं।”

इस मामले में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार समिति की सिफारिश मिलने के बाद इस मामले पर अपना रूख स्पष्ट करेगी। उन्होंने कहा, “वे (कुकी समुदाय) मणिपुर की (अनुसूचित जनजाति) सूची में शामिल हैं, लेकिन उन्हें कैसे शामिल किया गया था, इसकी समीक्षा की आवश्यकता है। इसके लिए हमें सभी जनजातियों (सभी समूह) से मिलाकर एक समिति बनानी होगी।”

यदि समिति कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची से हटाने की सिफारिश करती है तो केंद्र सरकार को इस सिफारिश पर विचार करना होगा। केंद्र सरकार मंजूरी देगी कुकी समुदाय का अनुसूचित जनजाति खत्म हो किया जाएगा। यदि समिति उन्हें ST में रहने की सिफारिश करती है तो केंद्र इस पर विचार करेगा और उसकी मंजूरी के बाद इसे ST वर्ग में बनाए रखा जाएगा।

बता दें कि मणिपुर पिछले साल मई से जातीय हिंसा से दहल रहा है और 180 से अधिक लोग मारे गए हैं। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की माँग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी थी।

गौरतलब है कि मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नागा और कुकी की कुल आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वो मुख्यत: पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया