बसपा सुप्रीमो मायावती की अहम बैठक में उनके भाई आनंद कुमार को पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया। वहीं उनके भतीजे आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई। बसपा नेता राम जी गौतम को को भी नेशनल कोऑर्डिनेटर चुना गया। दानिश अली को लोकसभा में बसपा संसदीय दल का नेता बनाया गया। लालजी वर्मा को विधानसभा में पार्टी का नेता चुना गया और सतीश चंद्र मिश्रा को राज्यसभा में नेता बनाया गया। गिरीश चंद जाटव मुख्य सचेतक बनाए गए। साथ ही ‘बुआ-बबुआ’ पर लगाम लगाते हुए आगामी उपचुनाव में पार्टी नेताओं को सपा से अलग चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहा गया।
https://twitter.com/News18India/status/1142741916783484928?ref_src=twsrc%5Etfwकहा जा रहा है कि मायावती द्वारा अखिलेश यादव को फोन करने के बाद उनके रवैये से वो नाराज़ हैं और इसीलिए वह सपा से अलग चुनाव लड़ने में पूरी ताक़त झोंकना चाहती हैं। मायावती द्वारा अपने भाई व भतीजे को पार्टी में अहम पद देना बसपा के परिवारवाद की तरफ़ ही इशारा करता है।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मायावती निराश बताई जा रही हैं और अपनी पार्टी के कई नेताओं से भी वो नाराज़ हैं। यही कारण है कि उन्होंने एक-एक कर संगठन में बदलाव करने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने हाल ही में तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को पद से बेदखल कर दिया था। मायावती ने प्रदेश स्तर पर निष्क्रिय नेताओं को चिह्नित करने पर ज़ोर दिया है और उन सभी पर कार्रवाई की जा रही है।