नूहं में रैपिड एक्शन फोर्स का बटालियन, हाईवे तक सीधी कनेक्टिविटी: हरियाणा सरकार ने उठाया बड़ा कदम

नूहं में आरएएफ की बटालियन के लिए जमीन का क्लियरेंस (तस्वीर-India Postsen)

मेवात क्षेत्र के नूहं जिले में अब रैपिड एक्शन फोर्स की बटालियन परमानेंट तैनात रहेगी। बटालियन के लिए 50 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। तैयारी पहले से चल रही थी, लेकिन राज्य सरकार ने जितनी आपत्तियाँ दर्ज कराई थीं, उन सबको निपटा लिया है। इस बारे में अब केंद्र सरकार को सूचित भी कर दिया है।

रैपिड एक्शन फोर्स की बटालियन को लेकर मामला जमीन की मंजूरी देने पर अटका था। अब राज्य सरकार ने नियम ही बदल दिया। चेंज ऑफ लैंड यूज का सर्टिफिकेट भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दिया गया है। कुछ जरूरी चीजों की डिमांड आरएएफ ने की है, जिसके पूरा होते ही पूरी बटालियन यहीं बस जाएगी।

क्या है पूरा मामला

नूहं के इंद्री गांव में राज्य सरकार ने 50 एकड़ जमीन आरएएफ को दी है। इसके लैंड यूज सर्टिफिकेट का मामला लेकिन उलझा हुआ था, जिसे सुलझा लिया गया। इसको लेकर केंद्र सरकार ने कन्वर्जन फीस, स्क्रूटनी फीस सब कुछ चुका दिया है, जो 20-20 लाख के आसपास है।

आरएएफ ने राज्य सरकार से हाईवे तक सीधे कनेक्टिविटी माँगी है, पानी और बिजली की सप्लाई माँगी है, जिसे देने में राज्य सरकार को कोई समस्या नहीं होने वाली। इंद्री गाँव से केएमपी हाईवे यानि कुंडली-मानेसर-पलवल वाले हाईवे तक आरएएफ की सीधी पहुँच रहेगी। इन इलाकों में किसी भी समस्या पर आरएएफ वाले कुछ ही मिनटों में काबू पा लेंगे।

दंगों को कंट्रोल करने में आरएएफ वाले सबसे आग

रैपिड एक्शन फोर्स का मतलब ही है कि जहाँ व्यवस्था बिगड़ी हो, वहाँ व्यवस्था को संभाल लेना। कितनी भी बड़ी भीड़ क्यों न हो, आरएएफ वालों की लाठियों में इतना दम होता है कि वो दंगाइयों पर बिजली की गति से टूट पड़ते हैं। कई बार आरएएफ ने इसे साबित भी किया है।

मेवात क्षेत्र दंगों के लिए बदनाम है। आए दिन खबरों में यह क्षेत्र गलत कारणों से चर्चा में रहता है। इस इलाके में आरएएफ की परमानेंट बटालियन और हाईवे तक उनकी सीधी कनेक्टिविटी का मतलब यह निकाला जा सकता है कि अपराधी/आतंकी टाइप लोगों में पुलिस-प्रशासन का खौफ रहेगा।

अभी भोंडसी में तैनात है आरएएफ की बटालियन

नूहं में आरएएफ की वही बटालियन तैनात होगी, जो अभी भोंडसी के पुलिस कॉम्प्लेक्स में है। ये आरएएफ की 2nd IRB बटालियन है, जो दंगों पर काबू पाने में महारत रखती है। आसपास के इलाकों में सबसे पहले यही बटालियन पहुँचती है। अब इसे नूहं के इंद्री गाँव में ही तैनात कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि 2014 में मेवात के तौरू में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसके बाद ही RAF के स्थायी स्टेशन की सैद्धांतिक मँजूरी दे दी गई थी। लेकिन तब से लेकर अब तक यह मामला लटका हुआ था।

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नूहं हिंसा में अब तक क्या कुछ हुआ

नूहं में 31 जुलाई की दोपहर के बाद हिंदुओं की धार्मिक यात्रा पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया। हिंदुओं को मंदिर परिसर से लेकर तमाम जगहों पर निशाना बनाया गया। होम गार्ड के जवानों, दर्शनार्थियों को जान से मार दिया गया। बजरंग दल के कार्यकर्ता को न सिर्फ गोली मारी गई, बल्कि उसका गला भी रेत दिया गया।

इस मामले में अब तक 95 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। करीब 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। कुछ को कोर्ट में पेश किया गया है, तो उनमें से 23 को पुलिस कस्टडी में भी भेज दिया गया है। इस पूरे मामले में हिंसा भड़काने वाले वीडियो तैयार करने वाले तीन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर्स पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया