‘कमर में हाथ डाल नीचे खींच लिया… समझ नहीं पाई क्या हो रहा’: ‘अल्लाहु अकबर’ वाली रैली में महिला किसान नेता से बदतमीजी

पहले अभिनेत्री सपना चौधरी की बाउंसर हुआ करती थीं किसान नेता पूनम पंडित (फाइल फोटोज)

केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधार के क्रम में लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई किसान संगठन पिछले एक साल से आंदोलन करने में लगे हुए हैं और भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं। किसान आंदोलन के महिला चेहरों में एक पूनम पंडित भी हैं, जो पहले डांसर एवं मॉडल सपना चौधरी की बाउंसर हुआ करती थीं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली किसान नेता पूनम पंडित के साथ मुजफ्फरनगर ‘किसान महापंचायत’ में दुर्व्यवहार हुआ।

हाल ही में राकेश टिकैत सहित ‘भारतीय किसान यूनियन (BKU)’ ने मुजफ्फरनगर में भाजपा के खिलाफ रैली आयोजित की थी, जहाँ से ‘अल्लाहु अकबर’ का भी नारा दिया गया। वहाँ पूनम पंडित को मंच पर चढ़ने से रोक दिया गया। इसके बाद कई मीडिया संस्थानों से बात करते हुए पूनम पंडित ने कुछ गंभीर आरोप लगाए। कभी हरियाणा के करनाल में नौकरी करने वाली पूनम पंडित का कहना है कि कृषि कानूनों की बारीकियों को समझने के बाद वो ‘किसान आंदोलन’ से जुड़ीं।

पूनम पंडित खुद को अंतरराष्ट्रीय शूटर भी बताती हैं। नेपाल में स्वर्ण पदक जीतने का दावा करने वाली पूनम पंडित को इस बात का मलाल है कि एक कलाकार होने के बावजूद सपना चौधरी किसानों के समर्थन में नहीं आईं। उन्होंने कुछ लोगों पर ज़हर फैला कर ‘किसान आंदोलन’ को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यही कारण है कि मुजफ्फरनगर में उनके साथ बदतमीजी की गई थी।

इस सम्बन्ध में पूनम पंडित ने बताया, “एक लड़के ने मुझे कोली भर के, अर्थात कमर में हाथ डालकर नीचे खींच लिया। इसके बाद मुझे मंच पर चढ़ने से रोक दिया गया। उसने धमकाया कि मैं किसी भी हालत में तुम्‍हें मंच पर नहीं चढ़ने दूँगा। मेरे साथ धक्‍का-मुक्‍की भी की गई। मैं पसीने से तरबतर हो गई और मेरी तबीयत भी खराब हो गई थी। मैं कुछ समझ ही नहीं पाई की मेरे साथ ये क्या किया जा रहा है।”

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पूनम पंडित ने दावा किया कि खुद BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उन्हें महापंचायत में आमंत्रित किया था। बाद में राकेश टिकैत ने उन्हें मंच पर भी जगह दी। आखिरी दम तक ‘किसान आंदोलन’ से जुड़ी रहने की बात करते हुए पूनम पंडित ने बताया कि वो अभी 25 साल की हैं और उन्होंने हाल ही में अपनी छोटी बहन की शादी की है। उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और माँ ने ही बच्चों की परवरिश की है।

हरियाणवी और यूपी के लहजे में भाषण देने वाली पूनम पंडित का कहना है कि कई लोग उन्हें पसंद नहीं करते और उनके साथ पहले भी दुर्व्यवहार हो चुका है। टिकरी सीमा पर चल रहे प्रदर्शन में भी उन्हें रोक दिया गया था। करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज का आरोप लगा कर हुए आंदोलन में भी वो सक्रिय रही थीं। हरियाणा को अपने घर जैसा बताने वाली पूनम पंडित ने कहा कि कुछ लोगों की नफरत के कारण वो हार नहीं मान सकतीं।

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने किसान नेता पूनम पंडित की तस्वीर शेयर करते हुए उन पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगा उन्हें ‘विश्वासघाती’ भी कह रहे हैं। ध्रुव राठी जैसों ने उनकी तस्वीर शेयर कर के दावा किया कि वो भाजपा दफ्तर में बैठी हुई हैं। लोगों का कहना है कि पूनम पंडित इन तस्वीरों को एडिटेड बता रही हैं, लेकिन भाजपा दफ्तर में बैठे उनके वीडियोज को लेकर वो क्या कहेंगी? लोग उन्हें ‘किसान आंदोलन’ से अलग करने की माँग भी कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया