UP के 2 करोड़ किसानों को सालभर में मिले ₹12000 करोड़: बुंदेलखंड में PM मोदी ने रखी एक्सप्रेसवे की नींव

चित्रकूट रैली में मोदी ( साभार: जागरण )

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड को विकास के रास्ते पर ले जाएगा। करीब 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे यहॉं रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ) का शुभारंभ भी किया। साथ ही बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश के करीब दो करोड़ किसान परिवारों के खाते में सालभर में करीब 12 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं।

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उन्होंने कहा, “चित्रकूट समेत उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ कृषक परिवारों तक 12000 करोड़ रुपए की सीधे मदद पहुँचाई गई है। आप कल्पना कर सकते हैं 12000 करोड़ रुपए। वह भी मात्र साल भर में। बिना बिचौलियों के लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे पहुँचाए गए हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक साल पहले डिफेन्स कॉरिडोर और अब 15000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाला यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे तथा एफपीओ, यह सब न केवल बुंदेलखंड को विकास के राह पर लाएँगे, बुंदेलखंड देश बदलने को तैयार हो रहा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब डेढ़ बजे चित्रकूट में पहुँचे। सबसे पहले चित्रकूट धाम की ऐतिहासिकता की प्रदर्शनी को देखा और फिर इसके बाद मंच पर पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यक्रम में नानाजी देशमुख के ‘ग्रामोदय से राष्ट्रोदय’ के संकल्प का भी स्मरण किया।मोदी के भाषण के दौरान पंडाल में भारत माता की जय और जय श्रीराम के जयकारे गूँजते रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस दौरे के दौरान प्रयागराज में दिव्यांग जनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित हुए एक ‘मेगा कैंप’ में उनकी सहायता के लिए जरूरी सामग्री और टूल्स भी वितरित किए। इस तरह के मेगा कैम्प्स की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों के समय ऐसे कैम्प्स बिरले ही नजर आते थे, लेकिन पिछले 5 सालों में हमारी सरकार के दौरान ऐसे 9000 कैम्प्स देश के विभिन्न भागों में आयोजित किए गए हैं।”

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक 16 सूत्री कार्यक्रम बनाया गया है। सरकार का प्रयास है कि किसान को उसके खेत के कुछ किलोमीटर के दायरे में ही एक ऐसी व्यवस्था मिले, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से जोड़ दे और आने वाले समय में ये ग्रामीण हाट कृषि अर्थव्यवस्था के नए केंद्र बनेंगे।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया