कॉन्ग्रेस ने पोस्टर से राहुल गाँधी को निकाला, केजरीवाल की हुई एंट्री: दिल्ली के CM का चेहरा गायब करने पर हुआ था विवाद, मुंबई में जुटान

राहुल गाँधी और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो, साभार: IndiaToday, HT)

बीजेपी ​विरोधी 28 विपक्षी दलों के गुट इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (INDIA) के नेताओं का मुंबई में जमावड़ा लगा है। 31 अगस्त और 1 सितंबर को ये नेता भविष्य की रणनीतियों पर विचार करेंगे। उससे पहले गुट में शामिल दलों के बीच भी शह-मात का खेल चल रहा है। एक ओर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार से लेकर संयोजक पद तक के लिए दावेदारी पेश की जा रही है, दूसरी ओर कॉन्ग्रेस के पोस्टर से राहुल गाँधी ही गायब हो गए हैं।

दरअसल, कॉन्ग्रेस ने 30 अगस्त 2023 को एक पोस्टर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी किया था। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा नहीं था। इसको लेकर विवाद पैदा होने पर पार्टी ने वह पोस्टर डिलीट कर दिया और जो नया पोस्टर जारी किया उसमें उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी नहीं हैं।

शुरुआती पोस्टर में राहुल के साथ उनकी माँ सोनिया गाँधी, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नीतीश कुमार, लालू यादव, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन जैसे विपक्षी नेता नजर आ रहे थे। राहुल गाँधी इस पोस्टर में सबसे आगे दिख रहे थे। लेकिन इसमें केजरीवाल को जगह नहीं दी गई थी। इसको लेकर विवाद पैदा होने पर कॉन्ग्रेस ने यह पोस्टर डिलीट कर दिया।

इसके बाद कॉन्ग्रेस ने ‘द पावर आफ INDIA’ शीर्षक से नया पोस्टर जारी किया। इस पोस्टर पर लिखा हुआ है- द वॉयस ऑफ इंडिया इज INDIA। इस पोस्टर से राहुल गाँधी को निकालकर केजरीवाल को जगह दी गई है।

साथ ही इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया, केरल के सीएम पिनराई विजयन, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी नजर आ रहे हैं।

गौरतलब है कि विपक्षी दलों के इस गुट के भीतर का मतभेद केवल इस पोस्टर से ही जाहिर नहीं हुआ है। कहा जाता है कि नीतीश कुमार गुट के संयोजक बनना चाहते हैं। कॉन्ग्रेस चाहती है कि राहुल गठबंधन का चेहरा बनें। वहीं, आप केजरीवाल तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना अपने पार्टी नेता को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की इच्छा जाहिर कर चुकी है। यहाँ गठबंधन के बंधन के बिखरने के आसार पहले ही दिखने लगे हैं।

इतना ही नहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का दौरा कर के अपनी ‘गारंटियों’ का प्रचार किया। गौरतलब है कि इन दोनों ही राज्यों में भाजपा-कॉन्ग्रेस में मुख्य लड़ाई होती है। वहीं आप ने राजस्थान में भी अपनी पार्टी ने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।

इस विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक जून में पटना में हुई थी, इसमें 15 राजनीतिक पार्टियाँ शामिल हुई थीं। वहीं बेंगलुरु में जुलाई में हुई दूसरी बैठक में ‘इंडिया’ नाम फाइनल किया गया था। उस बैठक में गठबंधन के दलों की संख्या बढ़कर 26 हो गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया