BJP की सीटें घटी, लोकसभा में बढ़ गए मुस्लिम: असम में रकीबुल 10 लाख+ से जीते, मुर्शिदाबाद में ‘बाहरी’ यूसुफ पठान ने 5 बार के सांसद अधीर रंजन को चटा दी धूल

लोकसभा में बढ़ रही मुस्लिम तादाद

लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के साथ गौर करने वाली बात यह भी है कि इस चुनाव में जहाँ भारतीय जनता पार्टी की सीटें पहले के मुकाबले घट गई हैं तो वहीं दूसरी ओर लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। 2014 में संसद में मुस्लिम सांसदों की संख्या 22 थी। अब ये संख्या 28 पहुँच गई है। कल तक सामने आ रहा था कि 26 मुस्लिमों ने लोकसभा सीटें जीती हैं, लेकिन अब ये संख्या 28 हो गई है।

नए मुस्लिम सांसदों की बात करें तो इनमें एक टीएमसी द्वारा बहरहामपुर से उतारे गए युसूफ पठान हैं जिन्होंने पाँच बार से लगातार सांसद बन रहे अधीर रंजन चौधरी को हराकर अपनी जगह संसद में बनाई है। इस सीट पर 848, 152 मुस्लिम वोट थे जो कि वहाँ की जनता के 52 फीसद हैं। इसके अलावा इकरा चौधरी ने कैराना में सपा की ओर से भाजपा प्रत्याशी को हराया।

लद्दाख में मोहम्मद हनीफ ने, जम्मू में अब्दुल राशिद ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीता। इसके अलावा सपा प्रत्याशी मोहिबुल्लाह ने रामपुर से। सबसे बड़ी जीत अगर किसी मुस्लिम प्रत्याशी ने दर्ज कराई है तो वो असम के ढुबरी से रकीबुल हुसैन हैं। उन्होंने मोहम्मद बदरुरद्दीन अजमल को 10 लाख 12 हजार वोट से हराकर जीत हासिल की है

इनके अलावा केरल के मल्लपुरम लोकसभा सीट पर 65 से 70 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं जहाँ से मुस्लिम लीग के मोहम्मद बशीर ने जीत हासिल की है। इसी तरह हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी ने भी 6 लाख से ज्यादा वोट पाकर अपनी सांसदी बनाए रखी। मुख्तार अंसारी के बेटे अफजाल अंसारी ने भी गाजीपुर सीट जीती है।

बता दें कि कॉन्ग्रेस, टीएमसी, एसपी और राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मिलकर इस पर 78 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। जबकि 2019 में 115 कैंडिडेट मैदान में थे और इनमें से 26 निर्वाचित होकर लोकसभा पहुँचे थे। इसके अलावा यदि उस साल की बात करें जब सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रतिनिधियों ने लोकसभा में जगह बनाई थी तो वो साल 1980 का था। 1980 में मुस्लिम प्रतिनिधियों की संख्या 49 थी।

उल्लेखनीय है कि 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के मतदान में एनडीए के हिस्से 293 सीट आई है जबकि इंडी गठबंधन को 235 सीट मिली है। इनमें भाजपा ने अकेले 240 सीट हासिल की है। उनके साथ गठबंधन में प्रमुख दल टीडीपी और जदयू हैं। पिछले चुनाव में भाजपा को अकेले 303 सीट मिली थी और एनडीए गठबंधन को 350 से ज्यादा। मगर इस बार पूरे विपक्ष ने एक साथ होकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ा। उनका मकसद देश के विकास से ज्यादा भाजपा को सत्ता से बाहर करने का था। बावजूद इसके बीजेपी सबसे ज्यादा वोट पाने वाली पार्टी बनी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया