अल्पसंख्यकों के पास 2 ही विकल्प, BJP में शामिल हों या मजहब बदल लेंः आजम खान का MLA पुत्र

आजम खान के विधायक बेटे ने उर्दू गेट तुड़वाए जाने के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है

यूपी में जिला रामपुर में उर्दू गेट को जिला प्रशासन द्वारा गिराने को लेकर आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम ने इसका ठीकरा योगी सरकार और जिला प्रशासन पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि एक समुदाय से नफरत की वजह से ऐसा किया गया है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान द्वारा बनवाया गया उर्दू गेट बुधवार (मार्च 06, 2019) को जिला प्रशासन ने गिरा दिया था। इस बात से नाराज आजम खान के बेटे और SP से विधायक मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान ने बयान दिया है कि अब समुदाय के लोगों के पास सिर्फ 2 ही रास्ते हैं, या तो BJP जॉइन कर लें या फिर धर्म बदल लें।

उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि उर्दू गेट को गिराने के पीछे शासन-प्रशासन की साजिश थी। उस गेट का नाम उर्दू गेट था इसलिए उसे गिराया गया। प्रदेश सरकार को उर्दू और खास मजहब से नफरत है।

उन्होंने कहा, “सोचना चाहिए कि मु###न कैसे जिएँगे यहाँ, जब उनकी जुबान की निशानियों तक को सरकार बर्दाश्त नहीं कर सकती। बीजेपी ने अपनी सोच को दिखाया है जिसमें कहते आ रहे हैं कि 1947 के बाद मु###न किराएदार हो गया है उस सोच को लागू किया है। बीजेपी कहती है कि जब पाकिस्तान दिया गया था तो मु###न क्यों नहीं गए?”

अब्दुल्ला आजम ने कहा कि वर्तमान अधिकारियों के होने पर निष्पक्ष चुनाव होना मुमकिन नहीं है। सबसे बड़े अधिकारी की साजिश अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम सूची से काटने की है। उर्दू गेट तोड़े जाने को लेकर पार्टी लेवल पर अभी कोई रणनीति नहीं बनी है। जनता इसका इंसाफ करेगी।

कल ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान द्वारा बनवाए गए उर्दू गेट को प्रशासन ने बुलडोजर चलवा कर ढाह दिया गया था। यह उर्दू गेट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के स्वार रोड पर बनवाया गया था। आजम खान ने इसे अपने विधायक फंड से बनवाया था। सपा शासनकाल में बने इस गेट की ऊँचाई बहुत कम थी लेकिन तब आजम के मंत्री होने के कारण कई शिकायतों के बाद भी इस पर कार्रवाई नहीं की गई। अब योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद जनता की शिकायतों का संज्ञान लिया गया। इस गेट की ऊँचाई इतनी कम थी कि यहाँ से बस और ट्रक भी नहीं निकल पाते थे। ऐसे में, हमेशा दुर्घटना का ख़तरा बना रहता था। कई दुर्घटनाएँ हुई भी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया