मुस्लिम महिलाओं ने AAP के संजय सिंह और राघव चड्ढा की कार को घेरा, कहा – जो वादा किया था वो पैसे दो: कॉन्ग्रेस मुख्यालय के बाहर भी लगी थी लंबी कतार

संजय सिंह और राघव चड्ढा की कार घेर कर मुस्लिम महिलाओं ने माँगे पैसे (फोटो साभार: रिपब्लिक भारत)

चुनाव जीतने के लिए कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले I.N.D.I. गठबंधन ने बड़े-बड़े वादे किए थे और लालच दिया था, जो अब उसकी ही गले की फाँस बन रहे हैं। मुस्लिम महिलाओं ने विपक्षी दलों के इन नेताओं से रुपयों की माँग करते हुए अब हंगामा शुरू कर दिया है। अब AAP (आम आदमी पार्टी) के राज्यसभा सांसदों संजय सिंह और राघव चड्ढा के कार को घेर कर महिलाओं ने पैसों की माँग की है। विपक्षी दलों ने मुस्लिमों से ‘खटाखट पोसे भेजने’ का वादा किया था।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में संजय सिंह और राघव चड्ढा से महिलाओं ने चुनावी वादे के एक-एक लाख रुपए माँगे। इन महिलाओं का कहना था कि उन्हें जो खटाखट-खटाखट पैसे दिए जाने के वादे किए गए थे, अब वो पैसे कहाँ हैं? बता दें कि इस चुनाव में विपक्षी दलों ने जम कर मुफ्त रेवड़ियाँ बाँटने का लालच देने की योजना पर काम किया। कॉन्ग्रेस अपने ही घोषणा-पत्र और आम लोगों में बाँटे गए गारंटी कार्ड में फँस गई हैं। कॉन्ग्रेस दफ्तरों पर भी महिलाएँ पहुँच रही है।

असल में कॉन्ग्रेस ने इन महिलाओं से वादा किया था कि 5 जून, 2024 से ही महिलाओं के खाते में पैसे पहुँचने शुरू हो जाएँगे। संजय सिंह और राघव चड्ढा को घेर कर ये महिलाएँ कह रही थीं आप हमसे दुआ लेकर ही जाना। हालाँकि, इस दौरान दोनों ही AAP नेता इन महिलाओं से बच कर निकलते हुए नज़र आए। कॉन्ग्रेस ने इन महिलाओं को हर साल एक लाख रुपए देने का वादा किया था। बेरोजगार युवाओं को भी नियमित वेतन देने का वादा किया गया था।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित कॉन्ग्रेस मुख्यालय के बाहर मुस्लिम महिलाओं की लंबी कतार लग गई थी। ये सभी 1 लाख रुपए की माँग कर रही थीं, साथ ही कह रही थीं कि उन्हें वित्तीय लाभ दिया जाए। मुस्लिम महिलाएँ अपना-अपना पहचान-पत्र समेत अन्य दस्तावेज लेकर कॉन्ग्रेस के दफ्तर पहुँची थीं। इन महिलाओं ने अपने हाथों में कॉन्ग्रेस का ‘गारंटी कार्ड’ भी थाम रखा था, जिसमें एक लाख रुपए के वेतन के अलावा हर शिक्षित युवा को पक्की नौकरी देने का वादा किया गया है। ‘इस गारंटी कार्ड’ में कर्जमाफी का भी वादा है। मुस्लिम महिलाओं ने इन कार्ड्स को भर भी रखा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया