सरल, जमीन से जुड़े, मेहनती… शरद पवार की आत्मकथा में गौतम अडानी की तारीफ, ‘कायर’ बताने के बाद अब सफाई देने में जुटीं अलका लांबा

शरद पवार (साभार: PTI)

हिंडेनबर्ग रिसर्च की कथित रिपोर्ट के बाद से देश में राजनीतिक उथल-पुथल मचा हुआ है। राहुल गाँधी इसे जबरन मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, उनके गठबंधन के साथ शरद पवार ने कह दिया कि अदानी समूह को विदेशी संस्थाओं द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने राहुल गाँधी द्वारा माँग की जा रही JPC जाँच के औचित्य को भी नकार दिया।

इस बीच अपनी बदजुबानी क लिए पहचानी जाने वाली कॉन्ग्रेस की नेता अलका लांबा ने नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के सुप्रीमो शरद पवार को लालची बताते हुए उन पर निशाना साधा है। इसको लेकर लांबा ने एक ट्वीट भी किया है।

अपने ट्वीट में शरद पवार और गौतम अडानी की कथित तस्वीर शेयर करते हए अलका लांबा ने लिखा, “डरे हुए लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं। देश के लोगों की लड़ाई एक अकेला राहुल गांधी लड़ रहा है। पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी।”

शरद पवार पर इस बयान को लेकर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अलका लांबा से पूछा कि क्या यह कॉन्ग्रेस का आधिकारिक बयान है। शहजाद पूनावाला के साथ ही महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी अलका लांबा के बयान को भयावह बताया और कहा कि पवार भारतीय राजनीति के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं।

इस पर अलका लांबा ने कहा कि यह पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं है। यह उनका व्यक्तिगत बयान है। अलका लांबा ने कहा कि पार्टी का आधिकारिक बयान उनकी पार्टी के सोशल मीडिया अकाउंट से जारी किया जाता है। वह एक स्वतंत्र कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता हैं और उनके निजी हैंडल से किया जाने वाला ट्वीट उनका स्वतंत्र विचार है। दरअसल, कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली UPA का हिस्सा NCP भी है। हालाँकि, अडानी पर उन्होंने UPA से अलग विचार रखा था।

बताते चले हैं कि अलका लांबा ने जिस तस्वीर को पोस्ट का यह दोनों के बीच नजदीकी का आरोप लगाया है, वह छुपा हुआ तथ्य नहीं है। गौतम अडानी और उनकी दोस्ती लगभग दो दशक पहले की है। शरद पवार ने साल 2015 में मराठी में आई अपनी आत्मकथा ‘लोक भूलभुलैया संगति…’ में अडानी की तारीफ भी की है।

इसमें शरद पवार ने गौतम अडानी को सरल, जमीन से जुड़ा व्यक्ति और मेहनती बताया है। उन्होंने लिखा है कि अडानी ने हर चुनौती स्वीकार की और आगे बढ़े। पवार ने इसमें आगे लिखा है, “मेरे ही कहने पर ही अडानी ने थर्मल पावर सेक्टर में कदम रखा था। वह हीरा उद्योग में अच्छी कमाई कर रहे थे, लेकिन गौतम को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में प्रवेश करने की उनकी महत्वाकांक्षा थी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया