₹25000 करोड़ के बैंक घोटाले में फॅंसे अजित पवार हुए इमोशनल, राजनीति से संन्यास के दावों पर नहीं तोड़ी चुप्पी

अजित पवार के प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले पवार परिवार की एक बैठक भी हुई

महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण सियासी परिवार का राजनीतिक ड्रामा हर बीतते पल के साथ नया मोड़ ले रहा है। अपने इस्तीफे पर रहस्यमयी चुप्पी साधने वाले अजित पवार शनिवार को आखिरकार मीडिया के सामने आए। विधायक पद से इस्तीफा देने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता से माफ़ी माँगी।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने अंतःकरण की आवाज़ सुन कर इस्तीफा दिया है, क्योंकि उनके चाचा शरद पवार का नाम इस घोटाले में घसीटा जा रहा है। बता दें कि 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले में ईडी ने शरद और अजित के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

अजित पवार ने परिवार में किसी तरह का टकराव होने की बात से इनकार कर दिया। महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने आरोप लगाया था कि पवार परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और इसीलिए अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया है। उनका मानना था कि अजित इसीलिए नाराज़ हैं, क्योंकि उनकी पार्टी शरद पवार को बचाने के लिए तो आगे आई है लेकिन उनके लिए किसी नेता ने आवाज़ नहीं उठाई। हालाँकि, अब अजित ने इन आरोपों से इनकार किया है। हॉलांकि राजनीति से संन्यास लेने के दावों को लेकर उन्होंने स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजित पवार इमोशनल हो गए। उन्होंने कहा कि उनके चाचा शरद पवार का महाराष्ट्र कोऑपरेटिव घोटाले से दूर-दूर तक कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि बैंक या चीनी मिल से सम्बंधित किसी भी लेन-देन से शरद पवार का कोई नाता नहीं है। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि इस मामले में 78 वर्षीय शरद पवार का नाम मीडिया में घूम रहा है। अजित पवार ने कहा:

“शरद पवार के कारण ही मैं उप-मुख्यमंत्री के पद तक पहुँचा। आज मेरे कारण इस उम्र में उनकी बदनामी हो रही है। मैं इस बात से क्षुब्ध हूँ। अगर मेरे क्रियाकलापों से पार्टी कार्यकर्ताओं को ठेस पहुँची है तो मैं इसके लिए उनसे माफ़ी माँगता हूँ। जहाँ तक घोटाले की बात है तो कई पार्टियों के नेता कोऑपरेटिव बैंक के बोर्ड के सदस्य थे और क़र्ज़ देने या फिर इससे सम्बंधित कोई भी निर्णय उन सब की सहमति के बाद ही लिया गया।”

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उन्होंने पूछा कि बैंक के पास जब 12,000 करोड़ से ज्यादा का डिपॉजिट ही नहीं था तो 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले होने की बात कहाँ से आ गई? इकनोमिक टाइम्स के सूत्रों के अनुसार, अजित पवार ने शरद पवार से मुलाक़ात करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उस बैठक में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी उपस्थित थीं। इस बैठक में केवल पवार परिवार के सदस्य ही शामिल थे। इससे पहले एनसीपी मुखिया ने कहा था कि उनके ख़िलाफ़ लगे आरोपों से क्षुब्ध होकर अजित ने राजनीति से सन्यास लेने का निर्णय लिया है।

पवार सहित अन्य के ख़िलाफ़ एफआईआर बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद दर्ज किया गया है। शरद पवार महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन थे और अजित पवार भी बोर्ड के सदस्य थे। आरोप है कि बैंक द्वारा चीनी मिलों को क़र्ज़ दिया गया और बाद में जब मिलें ठप्प होने लगीं तो उन्हें आने-पौने दाम में बेच डाला गया। कई अधिकारियों व नेताओं द्वारा इस मामले में अपने सगे-सम्बन्धियों व परिचितों को लाभ पहुँचाने का आरोप है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया