‘हमारे 4 MLA को बीजेपी ने छिपा रखा है, वो लगातार सम्पर्क में हैं, जल्द लौटेंगे’

NCP नेता नवाब मलिक ने भाजपा लगाया आरोप

महाराष्ट्र में भले ही नई सरकार का गठन हो गया हो, लेकिन राजनीतिक उथल-पुथल का दौर अब भी जारी है। अजित पवार के उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही NCP, शिवसेना की तीखी प्रतिक्रियाएँ लगातार सामने आ रही हैं। कहीं, विधायकों के लापता होने की ख़बरें हैं, तो कहीं बीजेपी पर विधायकों को बरगलाने का आरोप लग रहा है। NCP नेता नवाब मलिक ने अपने हालिया बयान में दावा किया है कि उनके चार विधायकों को बीजेपी ने कहीं छिपा रखा है।

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मीडिया से मुख़ातिब होते हुए उन्होंने कहा, “50 विधायक हमारे साथ हैं, लेकिन हर कोई होटल में नहीं है, 4 विधायक जो भाजपा के लोगों द्वारा कहीं छिपाए गए हैं, लगातार हमारे सम्पर्क में हैं और निश्चित रूप से वे वापस आएँगे।” इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि हमारे पास नंबर है और फ्लोर टेस्ट में फडणवीस सरकार गिर जाएगी। साथ ही उन्होंने फडणवीस के इस्तीफ़े की माँग भी की।

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इसके अलावा, नवाब मलिक उस टीम का हिस्सा थे, जिसने न्यूनतम साझा कार्यक्रम (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) की चर्चा की और राज्य में सरकार बनाने के लिए NCP-शिवसेना और कॉन्ग्रेस को एक साथ लाने में अहम भूमिका निभाई थी। मलिक ने अजित पवार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने हाज़िरी के लिए विधायकों के लिए गए हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया है।  

बता दें कि महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापठक के बीच एनसीपी के वे दो विधायक सामने आ गए हैं जो गुमशुदा बताए जा रहे थे। विधायक दौलत दारोगा और नितिन पवार की गुमशुदगी को लेकर शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। दोनों ने सामने आने के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और शनिवार को राज्य के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार, दोनों के प्रति निष्ठा जताई।

यह बेहद दिलचस्प है क्योंकि अजित पवार के भाजपा को समर्थन देने के बाद शरद पवार ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि बीजेपी को समर्थन अजित का व्यक्तिगत फैसला है न कि पार्टी का। इसके बाद एनसीपी विधायकों की बैठक भी हुई थी। बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा था कि केवल चार-पॉंच विधायक ही नेतृत्व के साथ नहीं हैं।

ग़ौरतलब है कि फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण को शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दे रखी है। सोमवार को इस मामले में तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई करते हुए तत्काल बहुमत परीक्षण की मॉंग नहीं मानी। अदालत ने राज्यपाल का आदेश और फडणवीस की तरफ से उन्हें सौंपे गए समर्थन पत्र की कॉपी मंगलवार को पेश करने का निर्देश दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया