‘3 दिन में माँफी माँगो, वरना तुम्हारे पैसे से तुम्हीं पर करेंगे कार्रवाई’ : कॉन्ग्रेस को नितिन गडकरी ने भेजा लीगल नोटिस, वीडियो काट फैलाया था झूठ

नितिन गडकरी की वीडियो से खिलवाड़ करने पर कॉन्ग्रेस ने भेजा नोटिस (फोटो साभार: M9 और हिंदुस्तान)

मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव जयराम रमेश को कानूनी नोटिस भेजा गया है। ये नोटिस इसलिए है क्योंकि कॉन्ग्रेस ने केंद्रीय मंत्री के इंटरव्यू की एक वीडियो से क्लिप काटकर भ्रामक जानकारी प्रसारित करने की कोशिश की थी। इस नोटिस में कहा गया है कि कॉन्ग्रेस पार्टी नितिन गडकरी से लिखित में माफी माँगे वरना वो आगे कार्रवाई करेंगे।

केंद्रीय मंत्री के वकील बालेंदु शेखर द्वारा भेजे गए नोटिस में कॉन्ग्रेस नेताओं को कहा गया, “ये कानूनी नोटिस आपको एक्स से तुरंत उस पोस्ट को हटाने के लिए कहता है। कानूनी नोटिस मिलने के बाद किसी भी हालत में पोस्ट को अगले 24 घंटे में हटाया जाए। साथ ही तीन दिनों के भीतर मेरे मुवक्किल से लिखित माफी माँगी जाए।” नोटिस में आगे कहा गया, “अगर कॉन्ग्रेस द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, तो मेरे मुवक्किल के पास आपके जोखिम और खर्च (At your risk and expense) पर नागरिक एवं आपराधिक (Civil and Criminal) सभी कार्रवाइयों का सहारा लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।”

नितिन गडकरी की ओर से भेजे गए नोटिस में कॉन्ग्रेस द्वारा शेयर वीडियो क्लिप को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया गया है। साथ ही कहा गया कि कॉन्ग्रेस ने ऐसा जानबूझकर किया है ताकि भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों के बीच वैचारिक दरार पैदा हो सके।

नोटिस में कहा गया कि कॉन्ग्रेस की ऐसी हरकत से सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर लोगों ने उस वीडियो को देखा जो कि बिलकुल तथ्यात्मक नहीं है। इससे नितिन गडकरी की प्रतिष्ठा में क्षति, मानहानि और विश्वसनीयता में बड़ी हानि हुई है।

इंटरव्यू की वीडियो को तोड़-मरोड़कर, संदर्भहीन और प्रासंगिक अर्थ के बिना पेश किया गया है। कॉन्ग्रेस ने उन हिस्सों को काट दिया, जहाँ बताया गया था कि हालातों को सुधारने के लिए मोदी सरकार द्वारा कितने प्रयास किए जा रहे हैं जिसके वर्तमान में अच्छे परिणाम भी हैं।

क्यों है वीडियो पर विवाद?

कल (1 मार्च 2024) कॉन्ग्रेस ने अपने हैंडल पर एक वीडियो शेयर की थी जिसमें नितिन गडकरी को बोलते दिखाया गया था कि आज गाँव, गरीब, मजदूर और किसान दुखी हैं। गाँव में अच्छे रोड नहीं हैं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं, अच्छे स्कूल नहीं।

इस वीडियो को शेयर करते हुए कॉन्ग्रेस ने ऐसा दिखाया जैसे नितिन गडकरी ने ये कहकर मोदी सरकार के कार्यों की पोल खोली हो। लेकिन इस वीडियो में हकीकत में जो पूरी बात केंद्रीय मंत्री ने कही थी वो थी कि-

“कृषि पर जो पॉपुलेशन डिपेंड है वो 65 प्रतिशत है जब गाँधी जी थे जब 90% की आबादी गाँव में रहती थी और धीरे-धीरे 30% पलायन क्यों हुआ। इसका मतलब है कि आज गाँव गरीब, मजदूर, किसान दुखी है। इसका कारण है कि जल जंगल जमीन और जानवर… ये जो ग्रामीण इकोनॉमी है यहाँ अच्छे रोड नहीं है, पीने के लिए पानी नहीं है, अच्छा अस्पताल नहीं है, अच्छा स्कूल नहीं है, किसान के फसल को अच्छे भाव नहीं है… ऐसा नहीं है कि यहाँ विकास नहीं हुआ, लेकिन जिस हिसाब से बाकी जगह हुआ है उतना नहीं है। हमारी सरकार आने के बाद हम इसपर बहुत काम कर रहे हैं। ऐसे ब्लॉक निकाले गए हैं जहाँ विशेष रूप से कार्य करने की जरूरत है।”

वीडियो से साफ था कि गडकरी के बयान पर जो संदेश फैलाने का काम हो रहा है वो सरासर भ्रामक है। असल में केंद्रीय मंत्री ये बता रहे थे कि पलायन इसलिए हुआ क्योंकि ग्रामीणों को अच्छे संसाधन नहीं मिले और उनकी सरकार इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण रूप से काम कर रही है। न कि वो ये कह रहे हैं कि मोदी सरकार में देश के ये हालात हैं।

कॉन्ग्रेस की इसी हरकत पर उन्हें नोटिस भेजा गया है। लेकिन अभी नोटिस का उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया