दिन में जो MLA खेल रहे थे बैट-बाॅल, उन्हें रात में तेजस्वी यादव के आवास से क्यों ले गई बिहार पुलिस: नीतीश सरकार की ‘ताकत’ का परीक्षण आज

एनडीए सरकार का बहुमत परीक्षण आज (फोटो साभारः नीतीश कुमार का फेसबुक अकाउंट)

28 जनवरी 2024 को 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार की सरकार का बहुमत परीक्षण आज (12 फरवरी 2023) होना है। उससे पहले बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। वैसे तो विधानसभा का गणित एनडीए के पक्ष में है, लेकिन जिस तरह चौधरी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से इनकार किया है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद ने विपक्षी विधायकों की बाड़बंदी की है, उसने बहुमत परीक्षण को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है।

बिहार विधानसभा की जो मौजूदा स्थिति है उसमें राजद, काॅन्ग्रेस और वाम दल मिलाकर 114 विधायक होते हैं। बहुमत का आँकड़ा 122 है। वहीं सत्ताधारी बीजेपी, जदयू और जीतनराम मांझी की पार्टी HUM को मिलाकर 127 विधायक हैं। इन्हें निर्दलीय सुमित सिंह का भी समर्थन हासिल है, जो मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। यदि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के इकलौते विधायक का समर्थन भी विपक्ष को मिल जाए तो भी वह सरकार गिराने लायक संख्या नहीं जुटा सकती है।

लेकिन राजनीतिक गलियारों में क्राॅस वोटिंग की आशंका भी जताई जा रही है। सबसे पहले चर्चा काॅन्ग्रेस के कुछ विधायकों के एनडीए के संपर्क में होने से शुरू हुई। इसका बाद काॅन्ग्रेस ने अपने सभी 19 विधायकों को हैदराबाद भेज दिया। वहीं राजद ने अपने विधायकों को बैठक के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर बुलाया और फिर उसके बाद इन विधायकों को अपने घर नहीं जाने दिया गया। दूसरी तरफ एनडीए खेमे की चिंता मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर हुई भोज से जदयू के 5 विधायकों और उसके बाद मंत्री विजय चौधरी के आवास पर हुई बैठक से जदयू के 4 विधायकों के नदारद होने के बाद से बढ़ी हुई है। बीच-बीच में विपक्षी खेमे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के संपर्क में होने की खबरें भी आती रहती हैं। हालांकि मांझी ने बार-बार ‘हम’ के एनडीए के साथ ही रहने की बात कही है।

एक तरफ एनडीए बहुमत हासिल करने को लेकर आश्वस्त है, वहीं राजद दावा कर रही है कि नीतीश सरकार अब बस कुछ घंटों की ही है। पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है, “नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। हमारी संख्या बढ़ने वाली है। विपक्ष चाहे कुछ भी कर ले, कुछ नहीं होगा। बिहार में जंगल राज वापस नहीं आएगा।”

राजनीतिक गहमागहमी के बीच 11 फरवरी की रात तेजस्वी यादव के घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी दिखे। वे शिवहर से राजद के विधायक चेतन आनंद की तलाश में आए थे। पुलिसकर्मियों को इस दौरान राजद समर्थकों का विरोध भी झेलना पड़ा। लेकिन वे देर रात चेतन आनंद को अपने साथ लेकर चले गए।

चेतन आनंद पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे हैं। उन्हें तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है। तेजस्वी यादव के आवास से राजद विधायकों के जो वीडियो बाहर आए थे, उसमें वे क्रिकेट खेलते भी दिखे थे। लेकिन इस कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब चेतन के गायब होने की शिकायत उनके छोटे भाई ने पाटलिपुत्रा थाने में दी। इसके बाद बिहार पुलिस कार्रवाई करते हुए तेजस्वी यादव के आवास पर पहुँच गई।

इसके बाद राजद ने एक्स/ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा था, “नीतीश कुमार ने सरकार जाने के डर से हजारों की संख्या में पुलिस भेज तेजस्वी यादव के आवास को चारों तरफ से घेर लिया है। ये किसी भी तरह से, किसी भी बहाने आवास के अंदर घुस कर विधायकों के साथ अप्रिय घटना करना चाहते हैं। बिहार की जनता नीतीश कुमार और पुलिस के कुकर्म देख रही है। याद रहे हम डरने और झुकने वालों में से नहीं है। ये वैचारिकी का संघर्ष है और हम इसे लड़ेंगे और जीतेंगे, क्योंकि बिहार की न्यायप्रिय जनता इस पुलिसिया दमन का प्रतिकार करेगी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया