नारदा स्टिंग मामला: TMC नेताओं को कलकत्ता HC से नहीं मिली जमानत, कल फिर होगी सुनवाई

नारदा स्कैम में सीबीआई ने किया था गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के नेताओं को फिलहाल कलकत्ता हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिल सकी। आज (19 मई) को हुई वर्चुअल सुनवाई में टीएमसी के नेताओं को राहत नहीं मिल सकी। अब मामले में अगली सुनवाई गुरुवार (20 मई) को होगी।

सोमवार (17 मई) की सुबह सीबीआई ने ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर ले गई थी। बाद में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। हालाँकि उसी शाम को जस्टिस अनुपम मुखर्जी के नेतृत्व वाली विशेष सीबीआई अदालत ने चारों आरोपितों को जमानत दे दी थी जिस पर सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट में सीबीआई अदालत के निर्णय के खिलाफ अपील की। इस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने टीएमसी नेताओं की जमानत पर रोक लगाते हुए 19 मई तक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। जिसके बाद टीएमसी नेताओं को प्रेसिडेंसी जेल भेज दिया गया था।

आरोपित टीएमसी नेताओं ने कलकत्ता हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जिस पर बुधवार को फिर से सुनवाई हुई। टीएमसी के चारों नेताओं की ओर से कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए। सिंघवी ने कोर्ट से टीएमसी नेताओं को अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया।

गौरतलब है कि टीएमसी नेताओं की गिरफ़्तारी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई ऑफिस पहुँच गई थीं और 6 घंटे वहीं बैठी रहीं। इस पर प्रश्न करते हुए कार्यकारी चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने सिंघवी से पूछा कि मुख्यमंत्री के 6 घंटे सीबीआई ऑफिस में बैठे रहने को किस प्रकार सही ठहराएँगे? इस पर सिंघवी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भी किया वह गाँधी का तरीका था। इस पर असहमति जताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि इसका मतलब है कि क्या अब ये कानूनी मुद्दे सड़क पर सुलझाए जा सकेंगे?

इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरिजित बनर्जी की पीठ ने मामले की सुनवाई को गुरुवार (20 मई) दोपहर 2 बजे तक के लिए टाल दिया।

टीएमसी नेताओं की गिरफ़्तारी पर कोलकाता में निजाम पैलेस यानी सीबीआई दफ्तर के बाहर तृणमूल कार्यकर्ताओं (टीएमसी) ने जमकर हंगामा व उत्पात मचाया था। सीबीआई दफ्तर के बाहर सुरक्षा में तैनात केंद्रीय बलों पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी भी की थी। अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सबसे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सुबह करीब 10:48 बजे सीबीआई दफ्तर पहुँच गईं और 6 घंटे तक वहीं बैठी रहीं। उन्होंने एजेंसी को अपनी गिरफ्तारी की चुनौती भी दी थी और टीएमसी ने सीबीआई पर बदले के तहत कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।

नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई ने तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भी याचिका दायर की थी।

आपको बता दें कि बंगाल में साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक हुए था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। इन स्टिंग्स में टीएमसी नेताओं को कथित तौर पर कंपनी के प्रतिनिधियों से रुपए लेते हुए देखा गया था। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया