‘OTP से हैक नहीं होता EVM, अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई’: कॉन्ग्रेस एन्ड गिरोह को चुनाव आयोग ने लताड़ा, सोशल मीडिया में चल रहा प्रोपेगंडा

ईवीएम (फोटो साभार : Mint)

ईवीएम को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों के बीच चुनाव आयोग ने कहा है कि ईवीएम मशीन एक स्टैंडअलोन मशीन है। इसे किसी ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ती और न ही इसमें किसी तरह के इंटरनेट या किसी और चीज, यही वजह है कि ये हैकिंग प्रूफ है। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम को शुरू करने के लिए किसी तरह के ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ती। इस तरह की अफवाह फैला रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

मुंबई उपनगर जिला कलेक्टर वंदना सूर्यवंशी ने ईवीएम पर जारी विवादों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईवीएम पर गलत ख़बर फैलाई गई है और सारे आरोप बेबुनियाद हैं। ईवीएम किसी मशीन से जुड़ा हुआ नहीं होता है। ईवीएम से जुड़े राहुल गाँधी के ट्वीट पर उन्होंने कहा, “जो खबर चल रही है, वो गलत है। ईवीएम के लिए किसी ओटीपी की जरूरत नही होती है, बल्कि रिजल्ट बटन प्रेस करके काम होता है। चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर अपनी पूरी प्रकिया का पालन किया है।”

बता दें कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गाँधी ने कहा कि ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, जिसकी जाँच करने की किसी को इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘गंभीर चिंताएं’ जताई जा रही हैं।

राहुल गाँधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धाँधली की आशंका बढ़ जाती है।” इस पोस्ट के साथ गाँधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर एलन मस्क की उस पोस्ट को भी साझा किया जिसमें मस्क ने ईवीएम को हटाने की बात कही थी। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था, “हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए. मुनष्यों या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालाँकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है।”

वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “‘टेक्नॉलजी’ समस्याओं को दूर करने के लिए होती है, अगर वही मुश्किलों की वजह बन जाए, तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। आज जब विश्व के कई चुनावों में EVM को लेकर गड़बड़ी की आशंका ज़ाहिर की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स EVM में हेराफेरी के ख़तरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर EVM के इस्तेमाल की ज़िद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ़ करें। आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी माँग को हम फिर दोहराते हैं।”

राहुल गाँधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा, “कुछ लोगों को हमने डाटा अपलोड करने के लिए मोबाइल ले जाने की इजाजत दी थी। लेकिन उस संबधित व्यक्ति तक वो मोबाइल कैसे गया, उस पर हमने खुद भी एफआईआर दर्ज कराई है और मामले की जाँच की जा रही है। किसी को सीसीटीवी नहीं मिलेगा, जब तक कि कोर्ट का ऑर्डर नहीं होता है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया