‘सपा निकम्मी, अखिलेश घमंडी… नहीं हरा पाएँगे BJP को’ : ओवैसी ने UP उपचुनावों के नतीजे देख मुस्लिमों को चेताया, कहा- ऐसी पार्टियों पर वोट बर्बाद न करें

ओवैसी ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत और समाजवादी पार्टी की हार को देखते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहालदुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सपा को निकम्मा और अखिलेश यादव को घमंडी करार दिया है।

उन्होंने रामपुर और आजमगढ़ के चुनावी नतीजे देखते हुए कहा कि इन परिणामों ने ये साफ कर दिया है कि सपा में भाजपा को हराने की न तो काबिलियत है और न ही कुव्वत है। उन्होंने ट्वीट करते हुए मुस्लिमों से अपील की कि अब वह प्रदेश में अखिलेश यादव की पार्टी पर भरोसा करना छोड़ें और अपनी तकदीर का फैसला खुद करें।

ट्वीट में उन्होंने लिखा, “रामपुर और आज़मगढ़ चुनाव के नतीजे से साफ़ ज़ाहिर होता है कि सपा में भाजपा को हराने की न तो क़ाबिलियत है और ना क़ुव्वत। मुसलमानों को चाहिए कि वो अब अपना क़ीमती वोट ऐसी निकम्मी पार्टियों पर ज़ाया करने के बजाए अपनी खुद की आज़ाद सियासी पहचान बनाएँ और अपने मुक़द्दर के फ़ैसले ख़ुद करें।”

इसी तरह रामपुर और आजमगढ़ चुनावों को देखने के बाद उन्होंने मीडिया में अखिलेश यादव को लेकर बयान दिया। उन्होंने अखिलेश यादव के गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “अखिलेश यादव अहंकारी हैं। उनके पिता मुलायम सिंह यादव उस सीट से सांसद रह चुके हैं। उसके बाद वो भी वहाँ के चुने गए। लेकिन इन लोगों ने एक भी वहाँ जाकर लोगों से ये बताना जरूरी नहीं समझा कि आखिर वो चुनाव क्यों नहीं लड़ेंगे।”

उन्होंने मीडिया में भी कहा कि समाजवादी पार्टी भाजपा को हरा पाने में सक्षम नहीं हैं। इनमें इमानदारी की कमी है। अल्पसंख्यकों को ऐसे लोगों के लिए वोट नहीं देना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि अब बताएँ कि भाजपा की जीत के लिए कौन जिम्मेदार है, किसे ये बी टीम, सी टीम कहेंगे।

उल्लेखनीय है कि जिन दो सीटों के कारण ओवैसी सपा से इतने नाराज दिखे उसमें एक रामपुर है जहाँ घनश्याम लोधी ने सपा से आसिम राजा को 42 हजार वोटों के अंतर से हराया। वहीं दूसरी सीट सपा का गढ़ कही जाने वाली आजमगढ़ की है। यहाँ अखिलेश यादव के भाई को मात देकर दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने 8 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है।

ये भी मालूम हो कि ओवैसी द्वारा अखिलेश को घमंडी इसलिए कहा गया क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों में अखिलेश यादव सक्रिय रूप से प्रचार के लिए नहीं गए। वहीं योगी आदित्यनाथ ने चुनावी प्रचार में साफ कर दिया था कि आजमगढ़ को आर्यमगढ़ बनाने का मौका न गवाएँ। ये जगह मुगल काल से पहले आर्यमगढ़ ही थी। लेकिन मुगलों ने इसका नाम आजमगढ़ किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया