किसानों से पीएम मोदी की खास अपील, कहा- कृषि मंत्री का लिखा पत्र जरूर पढ़ें

किसानों से पीएम मोदी की खास अपील

पिछले 22 दिनों से चले आ रहे किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से एक खास अपील की है। किसान आंदोलन के बीच किसानों के नाम केंद्रीय कृषि मंत्री के लिखे खुले पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोगों से इसे पढ़ने का निवेदन किया है।

पीएम मोदी ने गुरुवार (17 दिसंबर, 2020) को ट्वीट कर लिखा, “कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएँ प्रकट की हैं। एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएँ।”

https://twitter.com/narendramodi/status/1339577540231397376?ref_src=twsrc%5Etfw

दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम कृषि कानूनों को लेकर एक ओपन लेटर लिखा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सभी किसान भाइयों और बहनों से मेरा आग्रह! सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बिना भेदभाव सभी का हित करने का प्रयास किया है। विगत 6 वर्षों का इतिहास इसका साक्षी है।”

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज (17 दिसंबर, 2020) किसानों के नाम 8 पन्नों का पत्र लिख कर निवेदन किया है कि किसान ऐसे राजनीतिक दलों और तथाकथित बुद्धिजीवियों के बहकावे में न आएँ जिन्होंने सालों से किसानों को सुविधा रहित रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया।

अपनी कृषि पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए उन्होंने किसानों को बताया कि जिन तकलीफों से वह लोग गुजरतें है, उससे वह स्वयं भी भली भाँति वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब झूठ की दीवार तैयार करके साजिशें रची जा रही हैं तो उनका दायित्व है वस्तुस्थिति को सामने रखा जाए।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानून के ऊपर पर फैलाए जा रहे झूठ का उल्लेख करके उसकी सच्चाई बताई। उन्होंने ध्यान दिलवाया कि कैसे कोरोना के दौर में किसानों की भूमिका ने अर्थव्यवस्था को गति दी थी और MSP पर सरकारी खरीद के सारे रिकॉर्ड तोड़ा था। लेकिन बावजूद इसके विपक्ष इस पर झूठ फैला रहा है।

उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने किसानों के लिए ही 1 लाख करोड़ रुपए का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है और अब किसानों के लिए ही वह ये कानून लाए हैं जिसके बाद किसान कहीं भी अपनी उपज बेचने के लिए आजाद होगा।

एक समय में स्वामीनाथन रिपोर्ट को 8 साल तक दबाए रखने वाली कॉन्ग्रेस, आजाद मंडी का माँग करने वाली AAP, कृषि सुधार की माँग करने वाले अकाली दल की मंशा पर उन्होंने सवाल उठाया।

उन्होंने बताया कि एक विचारधारा के लोग कैसे अलग-अलग मुद्दे पर समाज में असंतोष और अराजकता फैलाने का प्रयास करते रहे हैं और आज भी ये यही सब कर रहे हैं। आंदोलन के पीछे छिपकर रची जा रही साजिश पर गौर करवाते हुए वह किसानों से अपील करते हैं कि सब किसान इस विचारधारा की मंशा को पहचानें, जिसने 62 की लड़ाई में देश का साथ नहीं दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया