PM मोदी ने 6 राज्यों को दिया लाइट हाउस प्रोजेक्ट का तोहफा, CM योगी कहा- गरीबों के लिए साबित होगा मील का पत्थर

पीएम मोदी ने 6 राज्यों को दिया लाइट हाउस प्रोजेक्ट का तोहफा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (1 जनवरी, 2020) को साल 2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अहम कदम उठाया है। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया (जीएचटीसी इंडिया) के तहत 6 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर लोगों को नए साल का तोहफा दिया है।

लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु को चुना गया है। केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं। परियोजना के तहत, केंद्र सरकार छह शहरों- इंदौर, चेन्नई, रांची, अगरतला, लखनऊ और राजकोट में 1,000-1000 से अधिक मकानों का निर्माण करेगी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “ये 6 प्रोजेक्ट वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं और जिंदगी में रौशनी लाने वाली आवास योजना है। ये 6 प्रोजेक्ट देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएँगे। ये लाइट हाउस प्रोजेक्ट अब देश के काम करने के तौर-तरीकों का उत्तम उदाहरण है। हमें इसके पीछे बड़े विजन को भी समझना होगा। एक समय आवास योजनाएँ केंद्र सरकारों की प्राथमिकता में उतनी नहीं थी, जितनी होनी चाहिए। सरकार घर निर्माण की बारिकियों और क्वालिटी में नहीं जाती थी। ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रॉसेस से बनेंगे। इसमें कंस्ट्रक्शन का समय कम होगा और गरीबों के लिए ज्यादा सस्ती और आरामदायक घर तैयार होंगे।”

उन्होंने कहा, “शहर में रहने वाले गरीब हों या मध्यम वर्ग, इन सबका सबसे बड़ा सपना होता है, अपना घर। वो घर जिसमें उनकी खुशियाँ, सुख-दुख, बच्चों की परवरिश जुड़ी होती हैं, लेकिन बीते वर्षों में लोगों का अपने घर को लेकर भरोसा टूटता जा रहा था। पैसा दे देने पर भी मकान नहीं मिलता था। मकान खरीदने वाला पैसा चुका देता था और घर मिलने का इंतजार करता रहता था। मगर हमारी सरकार ने इस रवैये को बदल दिया है।”

पीएम मोदी ने कहा, “देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी। पीएम ने कहा कि घर की चाभी मिलना सिर्फ दरवाजा या दीवार का मालिकाना हक मिलना नहीं होता है। ये चाभी लोगों के विकास और उनकी प्रगति का द्वार खोल देती है। इससे लोगों के सपनों को पंख लग जाता है। इससे व्यक्ति को अपने समाज में सम्मान मिलता है।”

पीएम मोदी ने कहा, “ये परियोजनाएँ हमारे योजनाकारों, इंजीनियरों, वास्तुकारों और छात्रों से सीखने के लिए ऊर्जा का केंद्र हैं। वे नई तकनीक पर भी प्रयोग कर सकेंगे। गरीबों को मिलने वाले घर के साथ-साथ दूसरी योजना को भी एक पैकेज की तरह जोड़ा गया है। गरीब को जो घर मिल रहे हैं, उसमें पानी, बिजली, गैस, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। सरकार के प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग को हो रहा है। मध्यम वर्ग को अपने घर के लिए एक तय राशि के होम लोन पर ब्याज में छूट दी जा रही है। कोरोना संकट के समय भी सरकार ने होम लोन पर ब्याज पर छूट की विशेष योजना शुरु की।”

वहीं इस कार्यक्रम को त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने भी संबोधित किया।

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शहरी गरीबों को टिकाऊ और आपदारोधी आवास उपलब्‍ध कराने में उत्‍तर प्रदेश सरकार को सफलता मिली है और इस दिशा में ‘लाइट हाउस प्रोजेक्‍ट’ मील का पत्‍थर साबित होगा।

उन्‍होंने कहा कि सबके लिए आवास की इस योजना में शहरी क्षेत्र में उत्‍तर प्रदेश में अब तक 17 लाख 58 हजार परिवारों को आवास आवंटित किया गया है जिसमें छह लाख 15 हजार आवास पूर्ण होकर गरीब परिवारों को उपलब्‍ध कराए जा चुके हैं और 10 लाख 80 हजार आवास निर्माण की प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है और लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत, केंद्र और राज्य सरकार की मदद से यहाँ 1,008 घरों का निर्माण किया जाएगा। यहाँ रहने वाले लोगों की आय कम है क्योंकि उनमें से ज्यादातर मजदूर हैं। हमें रणनीति बनाना चाहिए कि हम उनके वित्तीय बोझ को कैसे कम कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी का संकल्प है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना मकान होगा। ये कहते हुए प्रसन्नता होती है कि शहरी क्षेत्र में 1 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 3 करोड़ घरों के निर्माण का काम किया गया है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी के लिए आवास की परिकल्पना की थी, जिस साल देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएँगे। यह कार्यक्रम आंध्र प्रदेश राज्य के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक है, जो चक्रवात, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से परेशान रहता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया