205 की जगह बस 19Km रह जाएगी असम-मेघालय की दूरी: PM मोदी ने रखी कई बड़ी योजनाओं की आधारशिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो/साभार- DNA इंडिया)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार (फरवरी 18, 2021) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम में ‘महाबाहु-ब्रह्मपुत्र’ का शुभारंभ किया और दो पुलों (धुबरी फूलबाड़ी पुल और माजुली पुल) की आधारशिला रखने के साथ ही अन्य कई बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया।

यह पुल असम स्थित धुबरी को मेघालय के फूलबाड़ी, तुरा, रोंग्राम और रोंगजेंग से जोड़ेगा। वर्तमान में, धुबरी और फूलबाड़ी के बीच छोटी नावें चलती हैं और नदी को पार करने में लगभग ढाई घंटे लगते हैं। अधिकारियों के अनुसार, एक बार जब धुबरी-फूलबाड़ी पुल चालू हो जाएगा, तो नदी पार करने में मुश्किल से 15-20 मिनट लगेंगे।

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पूर्वोत्तर भारत में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए परियोजनाओं की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र और असम में ‘डबल-इंजन’ सरकार ने पूरे क्षेत्र में भौगोलिक और सांस्कृतिक अंतर को कम कर दिया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने भारत के सबसे लंबे पुल की आधारशिला रखी, जो असम में धुबरी को मेघालय के फूलबाड़ी से जोड़ेगा। पुल का शुभारंभ करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए जीवन बदलने वाला सेतु होगा।

पीएम मोदी ने महाबाहु-ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया और दो लेन वाले माजुली पुल के भूमिपूजन में भाग लिया, जो असम के माजुली को जोरहाट से जोड़ेगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि ब्रह्मपुत्र पर कनेक्टिविटी से जुड़े जितने काम पहले होने चाहिए थे, उतने पहले नहीं हुए और इसकी वजह से असम और नार्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी एक चुनौती बनी रही। उन्होंने कहा कि महाबाहु-ब्रह्मपुत्र के आशीर्वाद से अब इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।

प्रधानमंत्री के सम्बोधन की प्रमुख बातें –

  • बीते वर्षों में केंद्र और असम की डबल इंजन सरकार ने इस पूरे क्षेत्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार की दूरियों को कम करने का प्रयास किया है। असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की फिजिकल और सांस्कृतिक अखंडता को बीते सालों में सशक्त किया गया है।
  • माजुली में असम का पहला हैलीपोड भी बन चुका है। अब माजुलीवासियों को सड़क का तेज और सुरक्षित विकल्प मिलने जा रहा है। आपकी वर्षों पुरानी माँग आज पुल के भूमि पूजन के साथ पूरी होनी शुरू हो गई है। कालीबाड़ी घाट से जोरहाट को जोड़ने वाला 8 किलोमीटर का ये पुल माजुलीवासियों की जीवन रेखा बनेगा।
  • ब्रह्मपुत्र और बराक सहित असम को अनेक नदियों को जो सौगात मिली है उसे समृद्ध करने के लिए आज महाबाहु ब्रह्मपुत्र कार्यक्रम शुरु किया गया है। ये कार्यक्रम ब्रह्मपुत्र के जल से इस पूरे क्षेत्र में वॉटर कनेक्टिविटी को सशक्त करेगा।
  • अब असम का विकास प्राथमिकता में भी है, इसके लिए दिन रात प्रयास भी हो रहा है। बीते 5 वर्षों में असम की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं।
  • माजुली और निमाटी के बीच रो-पेक्स सेवा से अब आपको सड़क से करीब सवा 400 किमी घुमकर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रो-पेक्स से सिर्फ12 किमी का सफर तय करते हुए अपने सामान को जहाज पर ले जा सकते हैं। इस रास्ते पर दो जहाज चलाए जा रहे जो करीब 1600 यात्री और दर्जनों सामान ले जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज धुबरी (उत्तरी तट) और फूलबाड़ी (दक्षिण तट) के बीच ब्रह्मपुत्र पर चार लेन के पुल की आधारशिला रखी। यह प्रस्तावित पुल एनएच-127बी पर स्थित होगा, जो एनएच-27 (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर) पर श्रीरामपुर से निकलता है, और मेघालय राज्य में एनएच-106 पर नोंगस्टोइन पर समाप्त होता है।

लगभग 4997 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल असम और मेघालय के लोगों की लंबे समय से चली आ रही माँग को पूरा करेगा, जो नदी के दोनों किनारों के बीच यात्रा करने के लिए नौका सेवाओं पर निर्भर थे। यह सड़क से तय की जाने वाली 205 किलोमीटर की दूरी को कम करके 19 किलोमीटर कर देगा, जो पुल की कुल लंबाई है। इस पुल की आवश्यकता अप्रैल 2012 में महसूस की गई थी, जब 305 यात्रियों को ले जाने वाली एक नाव ब्रह्मपुत्र नदी में पलट गई थी।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भूपेन हजारिका सेतु या ढोला-सदिया सेतु भारत का सबसे लम्बा पुल है, जिसका उद्घाटन 26 मई 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। वहीं, धुबरी-फूलबाड़ी के बीच ब्रह्मपुत्र पर चार लेन का ये पुल 19 किलोमीटर लंबा होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया