‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 80वें से 40वें स्थान पर कूदा भारत’: PM मोदी ने इस साल पहली बार की ‘मन की बात’, कहा – कश्मीर में पर्यटन के लिए जाइए, बदल गए हैं हालात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेटलैंड्स डे पर पशु-पक्षियों के बारे में भी सोचने को कहा (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (29 जनवरी, 2023) एक बार फिर से देश की जनता से अपने ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) की। यह साल 2023 की पहली और कुल 97वीं मन की बात थी। इस एपिसोड में उन्होंने गणत्रंत दिवस, पद्म पुरस्कार, संस्कृति, कृषि और होने वाले जी-20 सम्मेलन की चर्चा की। इसी के साथ उन्होंने ई कचरे के समाधान की तरफ सोचने के लिए भी लोगों का ध्यान दिलाया। इस बार की ‘मन की बात’ में कश्मीर भी चर्चा के मुख्य केंद्र में रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से कश्मीर में पर्यटन के लिए जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कश्मीर में तेजी से बदलाव हुआ है और अब वहाँ युवाओं का खेलों और देश का नाम रोशन करने की होड़ मची हुई है।

PM नरेंद्र मोदी ने लोगों से भारत के गणतंत्र को मजबूत करने की अपील करते हुए हर किसी से इसमें अपनी भागीदारी तय करने की अपील की। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम को गणतंत्र को मजबूती दे रहे सेनानियों की बुलंद आवाज बताया।

आगामी 2 फरवरी को ‘वर्ल्ड वेटलैंड्स डे’ की याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से इस दिन पशु-पक्षियों के लिए भी सोचने को कहा। इसी सम्बोधन में उन्होंने वेटलैंड्स को रामसर साइट्स घोषित करने लिए जरूरी मापदंडों को बताते हुए भारत में वेटलैंड्स के विस्तार का प्रयास कर रहे लोगों की तारीफ की। वेटलैंडस साइट उन जगहों को कहते हैं जहाँ दलदली मिट्टी जैसी जमीन पर साल-भर पानी जमा रहता है। यह जगह जलीय और जमीन पर रहने वाले दोनों जीवों के लिए जरूरी होती है।

PM मोदी ने ई कचरे के खतरे से लोगों को आगाह करते हुए हुए इसके समाधान की तरफ सोचने की जरूरत पर बल दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ के आँकड़े पेश करते हुए मोदी ने बताया कि हर साल 50 मिलियन टन ई कचरा पैदा होता है ऐसे में ‘कचरे से कंचन’ की सोच के साथ इसका सदुपयोग करने की दिशा में सोचना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि साल 2015 में भारत गलोबल इनोवेशन की सूची में दुनिया में 80वें नंबर पर था जो वर्तमान में 40 अंकों के सुधार के साथ 40वें नंबर पर है। प्रधानमंत्री ने अपने ही देश में विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी विकसित करने की जरूरत पर बल दिया।

इन सभी बातों के अलावा मोदी ने मोटे अनाज के उत्पादक किसानों की तारीफ करते हुए कहा कि अब दुनिया इसका महत्व जानने लगी है। मोदी के मुताबिक मोटे अनाजों और योग दिवस में काफी समानताएँ हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया