देश के मन में आज है जो सवाल, PM मोदी ने 5 साल पहले ही दे दिया था उसका जवाब: कहा था – गठबंधन राष्ट्रीय एकता का माध्यम, क्षेत्रीय मसलों के समाधान का रास्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार ऐसी गठबंधन सरकार का करेंगे नेतृत्व, जहाँ भाजपा अल्पमत में

नरेंद्र मोदी गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री 4 और केंद्र में प्रधानमंत्री के रूप में 2 बार सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं, ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद वो 7वीं सरकार का नेतृत्व सँभालने जा रहे हैं। हालाँकि, ये पहली बार होगा जब वो किसी ऐसी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे, जहाँ भाजपा बहुमत से पीछे हो। चंद्रबाबू नायडू की TDP, नीतीश कुमार की JDU, चिराग पासवान की RLJP और एकनाथ शिंदे की शिवसेना (शिंदे) को उन्हें साथ लेकर चलना है।

लोग चर्चा कर रहे हैं कि इस नई चुनौती को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह से लेंगे, UCC और NRC जैसे कोर एजेंडों का क्या होगा और क्या संसद ठीक से चल पाएगी? इन सबका जवाब पीएम मोदी के एक पुराने बयान में भी छिपा है, जो बताता है कि इस तरह की चुनौती के लिए वो पहले से ही तैयार हैं। इसके लिए हमें 5 साल पीछे चलना होगा, तब 2024 नहीं बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव चल रहा था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार की तरह ही ज़ोर-शोर से प्रचार-प्रसार में जुटे थे।

13 मई, 2019 को News24 के मानक गुप्ता ने पीएम मोदी से ये इंटरव्यू लिया था, तब 6 चरण के चुनाव हो चुके थे और सिर्फ अंतिम चरण बाकी था। वहीं गठबंधन के परिदृश्य में पूछे गए सवाल पर पीएम मोदी ने कहा था कि उन्हें गठबंधन सरकार चलाने का पुराना अनुभव है। उन्होंने याद किया कि कैसे जब वो संगठन में थे तब हरियाणा में बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में उन्होंने काम किया। इसी तरह जम्मू कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला और मुफ़्ती मोहम्मद सईद के साथ भी उन्होंने काम किया।

नरेंद्र मोदी ने गिनाया था कि कैसे उन्हें गुजरात में चिमनभाई पटेल के साथ काम करने का अनुभव है। PM मोदी का तब कहना था कि केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने के बावजूद उन्होंने अहंकार को नहीं पाला, उनका ये मत है कि हिंदुस्तान की राजनीति ध्रुवीकरण वाली राजनीति है और एक खेमे का भाजपा नेतृत्व करती है तो दूसरे का कॉन्ग्रेस, कितना भी बहुमत क्यों न आए हमें सभी साथियों को साथ लेकर ही चलना चाहिए क्योंकि इससे न सिर्फ क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान किया जा सकता है बल्कि देश की एकता भी बनाई रखी जा सकती है।

PM नरेंद्र मोदी ने तब कहा था, “हमारे लिए गठबंधन एक चुनावी चहल-पहल नहीं है, ये हमारे लिए क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को जोड़ कर रखने के देश की एकता बनाए रखने के हमारे महान प्रयासों का एक पहलू है।” इस बार NDA में जयंत चौधरी की RLD, HD देवगौड़ा की JDS और पवन कल्याण की JsP भी है, जिसकी दो-दो सीटें हैं। इसी तरह ‘अपना दल (सोनेलाल)’ से अनुप्रिया पटेल और HAM (सेक्युलर) से जीतन राम माँझी ने जीत दर्ज की है। इस तरह NDA ने 292 सीटों पर जीत दर्ज की है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया