दिल्ली आकर अमित शाह से मिले राज ठाकरे, भतीजे को ‘भाव’ मिलने पर चाचा का मोदी कैबिनेट से इस्तीफा: झारखंड में BJP के साथ सीता

राज ठाकरे ने अमित शाह से की मुलाकात (फोटो साभार X_RajThackeray)

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार से लेकर झारखंड और महाराष्ट्र तक राजनीतिक सरगर्मियाँ बढ़ रही हैं। बिहार में हाजीपुर के सांसद पशुपति पारस ने खुद को तवज्जो न मिलने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, तो झारखंड में राज्य की सत्ताधारी पार्टी जेएमएम की महासचिव और मौजूदा विधायक सीता सोरेन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है। वहीं, महाराष्ट्र में राजनीतिक बदलाव भी दिख रहा है। महाराष्ट्र की पार्टी मनसे के प्रमुख राज ठाकरे दिल्ली पहुँचे और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि वो एनडीए में शामिल हो सकते हैं और उनकी पार्टी मनसे को लोकसभा चुनाव में 2 सीटें मिल सकती हैं।

महाराष्ट्र में नए सियासी समीकरण!

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले महाराष्ट्र में नए सिरे से सियासी समीकरण बैठते दिख रहे हैं। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े से मुलाकात के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि मनसे को एनडीए में शामिल कराया जाएगा और उसे 2 सीटें मिल सकती हैं। राज ठाकरे को उद्धव ठाकरे का कट्टर प्रतिद्वंदी समझा जाता है और उद्धव ठाकरे की वजह से उन्होंने शिवसेना छोड़कर अपनी पार्टी बनाई थी। वो महाराष्ट्र में भले ही बड़ी राजनीतिक ताकत नहीं बन पाए, लेकिन हमेशा एक गंभीर नेता माने गए। उनके एनडीए में शामिल होने से मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में एनडीए को काफी मजबूती मिलने की उम्मीद है।

सुप्रिया सुले ने सम्मान का दिया वास्ता

राज ठाकरे की दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात और उनकी एनडीए में शामिल होने की चर्चाओं के बीच एनसीपी(शरद गुट) की नेता सुप्रिया सुले ने उन्हें सम्मान का वास्ता दिया है। सुप्रिया सुले ने कहा कि राज ठाकरे अगर इंडी अलायंस में आते हैं, तो उन्हें उचित सम्मान मिलेगा। सुले ने कहा कि राज ठाकरे को एमवीए (महा विकास आघाड़ी) गठबंधन में शामिल होना चाहिए न कि एनडीए में।

पशुपति पारस ने छोड़ा केंद्रीय मंत्रिमंडल, अगले कदम पर सस्पेंस

बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे में खुद को जगह न देने से नाराज पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दिल्ली में अपने इस्तीफे का ऐलान किया और कहा कि उनके साथ नाइंसाफी हुई। पारस ने कहा, “मैं पूरी ईमानदारी और लगन के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सिपाही के रूप में मंत्रीपद संभालते हुए काम कर रहा था। पिछले हफ्ते मैंने बिहार में प्रेस को बताया था कि सीटों को लेकर मुझसे किसी की बात नहीं हुई है। मैं एनडीए की ओर से विधिवत घोषणा का इंतजार कर रहा था। सोमवार को जब एनडीए ने सीट बंटवारे की घोषणा की तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे साथ व्यक्तिगत रूप से और मेरी पार्टी के साथ भी नाइंसाफी हुई है। इसलिए, मैंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।” हालाँकि उन्होंने पीएम मोदी तारीफ की।

झारखंड में राजनीतिक घमासान, सीता सोरेन ने पार्टी के साथ परिवार भी छोड़ा

झारखंड में शिबू सोरेन की बड़ी बहू, सत्ताधारी पार्टी झामुमो की महासचिव और विधायक सीता सोरेन ने पार्टी के साथ ही परिवार भी छोड़ दिया। उन्होंने इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है और इसे पार्टी अध्यक्ष यानी अपने ससुर शिबू सोरेन को भेजी है। सीता ने कहा कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है। सीता सोरेन ने पत्र में लिखा है कि मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी गहरी साजिश रची जा रही है। मैं अत्यंत दुखी हूं. मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा। इसके बाद उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर लिया।

सीता सोरेन ने कहा कि मैंने झामुमो के लिए 14 साल तक काम किया, लेकिन मुझे सम्मान कभी नहीं मिला। ऐसे में मैंने आज बीजेपी ज्वॉइन कर लिया है। बता दें कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद सीता सोरेन मुख्यमंत्री पद के सबसे करीब थी, लेकिन उन्हें पद नहीं दिया गया। यही नहीं, वो हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन के बढ़ते कदम से भी परेशान बताई जा रही हैं। हालाँकि अब उन्होंने जेएमएम और सोरेन परिवार से नाता तोड़ लिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया