लाभ-हानि से परे भारत आज हर किसी की मदद कर रहा: बुद्ध पूर्णिमा पर PM मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा पर देश को संबोधित किया

पीएम नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक बार फिर देश को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने भगवान बुद्ध के आदर्शों की याद दिलाते हुए बताया कि भगवान बुद्ध कहते थे कि मानव को निरंतर ये प्रयास करना चाहिए ताकि वो कठिन स्थितियों पर विजय प्राप्त कर उनसे बाहर निकले। पीएम मोदी ने कहा कि बुद्ध के आदर्श यही कहते थे कि थक कर रुक जाना कोई विकल्प नहीं होता। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को सेवा करने का संदेश दिया है।

https://twitter.com/narendramodi/status/1258237759539437570?ref_src=twsrc%5Etfw

उल्लेखनीय है कि बुद्ध पूर्णिमा को तथागत गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में माना जाता है। उन्हें ‘बुद्धत्व’ की प्राप्ति भी वैशाख पूर्णिमा को ही हुई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण इस बार परिस्थितियाँ अलग हैं, दुनिया मुश्किल वक्त से गुजर रही है। आपके बीच आना मेरे लिए सौभाग्य होता, लेकिन मौजूदा स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती है। भारत आज बुद्ध के कदमों पर चलकर हर किसी की मदद कर रहा है, फिर चाहे वो देश में हो या फिर विदेश में, इस दौरान लाभ-हानि को नहीं देखा जा रहा है।

https://twitter.com/PMOIndia/status/1258238860598734848?ref_src=twsrc%5Etfw

पीएम मोदी ने कहा कि आज हर कोई देश के अलग-अलग हिस्सों में, दुनिया में अपनी-अपनी तरह से लोगों की सेवा कर रहा है। फिर चाहे सड़क पर लोगों को कानून का शासन करवाना हो या बीमार का इलाज करना हो, हर कोई अपनी ओर से सेवा कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया में उथल-पुथल है, ऐसे वक्त में बुद्ध की सीख जरूरी है।

पीएम मोदी के सन्देश की प्रमुख बातें –

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा –
भगवान बुद्ध का वचन है-
“मनो पुब्बम् गम: थम्म:
मनो सेट्टा, मनो मया
यानी धम्म मन से ही होता है, मन ही प्रधान है। सारी प्रवृत्तियों का अगवा है।”

  • भारत विश्व हित में काम कर रहा है और करता रहेगा।
  • भारत बिना किसी स्वार्थ के एक साथ खड़ा है। हमें अपने, अपने परिवार की रक्षा करनी है।
  • हमें संकट के समय में लोगों की मदद करने की जरूरत है।
  • मानवता की सेवा करने वाले ही बुद्ध के सच्चे अनुयायी है।
  • लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर के अलावा श्रीलंका के श्री अनुराधापुर स्तूप और वास्कडुवा मंदिर में हो रहे समारोहों का इस तरह एकीकरण बहुत ही सुंदर है। हर जगह हो रहे पूजा कार्यक्रमों का ऑनलाइन प्रसारण होना अपने आप में अद्भुत अनुभव है।
  • बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं, किसी एक प्रसंग तक सीमित नहीं हैं। सिद्धार्थ के जन्म, सिद्धार्थ के गौतम होने से पहले और उसके बाद इतनी शताब्दियों में समय का चक्र अनेक स्थितियों परिस्थितियों को समेटते हुए निरंतर चल रहा है।
  • समय बदला, स्थिति बदली, समाज की व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश हमारे जीवन में निरंतर प्रवाहमान रहा है। ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि, बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं हैं, बल्कि एक पवित्र विचार भी हैं।
  • भगवान बुद्ध कहते थे कि मानव को निरंतर ये प्रयास करना चाहिए कि वो कठिन स्थितियों पर विजय प्राप्त करे उनसे बाहर निकले। थक कर रुक जाना कोई विकल्प नहीं होता। आज हम सब भी एक कठिन परिस्थिति से निकलने के लिए, निरंतर जुटे हुए हैं, साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
  • ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है। कई बार दुःख-निराशा-हताशा का भाव बहुत ज्यादा दिखता है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है।

पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध के बताए चार सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं –

  1. दया
  2. करुणा
  3. सुख-दुख के प्रति समभाव
  4. जो जैसा है उसको उसी रूप में स्वीकारना

बुद्ध भारत के बोध और भारत के आत्मबोध, दोनों का प्रतीक हैं। इसी आत्मबोध के साथ, भारत निरंतर पूरी मानवता के लिए, पूरे विश्व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा। भारत की प्रगति, हमेशा, विश्व की प्रगति में सहायक होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया