10 साल जेल, ₹1 करोड़ जुर्माना, संपत्ति भी जब्त… पेपर लीक के खिलाफ आ गया मोदी सरकार का सख्त कानून, NEET-NET परीक्षाओं में गड़बड़ी से उठ रहे थे सवाल

पेपर लीक के खिलाफ कानून लेकर आई मोदी सरकार (प्रतीकात्मक चित्र)

हाल ही में NEET और NET की परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला सामने आया। जहाँ मेडिकल वाला मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, वहीं फजीहत के बाद NET की परीक्षा ही रद्द करनी पड़ी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून लेकर आई है। शुक्रवार (21 जून, 2024) को मोदी सरकार ने ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) कानून, 2024 को अधिसूचित कर दिया। पूरे देश में होने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी पर इससे नकेल कसी जाएगी।

NEET और UGC NET की परीक्षाओं में गड़बड़ी के बीच ‘Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024’ के अस्तित्व में आने से उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो पेपर लीक की समस्या से जूझ रहे थे। फरवरी 2024 में ही इसे संसद में पारित करा लिया गया था। इसमें चीटिंग में संलिप्त आरोपितों के लिए 3 से से 5 साल तक की कारावास की सजा का प्रावधान किया है। वहीं संगठित रूप से चीटिंग गिरोह चलाने वालों को 10 साल तक की सज़ा दी जा सकती है।

वहीं उनके लिए साथ-साथ 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने की सज़ा भी मुक़र्रर की गई है। परीक्षा संपन्न कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारी, कोई गिरोह या फिर कोई भी समूह या संस्था इस अपराध में शामिल होता है तो उन्हें कम से कम 5 साल की सज़ा भुगतनी होगी, जो 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है। अगर कोई संस्था इसमें शामिल होती है तो उसकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। परीक्षा आयोजित करने में जो खर्च आता है, उसकी वसूली भी पेपर लीक गिरोह से ही की जाएगी। केंद्र सरकार किसी केंद्रीय जाँच एजेंसी को भी ऐसी स्थिति में जाँच सौंप सकती है।

हालाँकि, परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को कड़ी सज़ा से छूट दी गई है और उन्हें मौजूदा कानूनों के तहत ही परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के नियमों के हिसाब से सज़ा मिलेगी। ‘Unfair Means’ में पेपर लीक के अलावा परीक्षा के दौरान सवालों के जवाब को लेकर अभ्यर्थियों की मदद करना, कम्प्यूटर नेटवर्क के साथ गड़बड़ी करना, किसी अभ्यर्थी के बदले परीक्षा में पहुँचना, फर्जी दस्तावेज बनाना, फर्जी परीक्षा आयोजित करना और मेरिट लिस्ट के साथ छेड़छाड़ को भी रखा गया है। ये गैर-जमानती होगा। DSP या ACP रैंक के अधिकारी इसकी जाँच करेंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया