भाजपा के विरोध में किए जा रहे हर प्रदर्शन को अपना समर्थन देने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी ‘अपने’ राज्यों में आम जनता और प्रदर्शनकारियों के प्रति कितनी सहिष्णु है इसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है। इस तस्वीर में पंजाब पुलिस आम जनता को खींचते हुए, उन्हें घसीटते हुए अपने साथ ले जाती दिख रही है। दिलचस्प बात ये है कि ये लोग कोई अपराधी नहीं हैं बल्कि शिक्षक हैं जो चन्नी सरकार की मनमानियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे थे।
घटना मंगलवार (14, दिसंबर 2021) की है जब मुख्यमंत्री चन्नी एक सीमेंट फैक्ट्री की आधारशिला रखने गए थे। वहीं कुछ बेरोजगार शिक्षक पहुँचे और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी हुई। इसके बाद राज्य पुलिस बल ने इन शिक्षकों को कथित तौर पर चुप कराने के लिए उनका मुँह बंद किया और उन्हें खींचते हुए वहाँ से ले गए।
जानकारी के मुताबिक, जब मंच से सीएम चन्नी संबोधित कर रहे थे उसी समय इन शिक्षकों ने नारेबाजी शुरू की। जिसे देख स्टेज से सीएम चन्नी ने कहा कि हर जगह ऐसे दो चार लोग आ ही जाते हैं। विरोध करने वाले अध्यापकों की आवाज किसी को ना सुनाई दे इसलिए चन्नी समर्थकों ने इस दौरान ‘कॉन्ग्रेस जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।
अब शिक्षकों के साथ हुई बदसलूकी की इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। पत्रकार सुशांत सिन्हा ने घटना संबंधी खबर को अपने ट्वीट पर शेयर करते हुए लिखा, “पंजाब में कॉन्ग्रेस का लोकतंत्र। CM के सामने बेरोज़गारों ने आवाज़ उठानी चाही तो तस्वीर में देख लीजिए पुलिस ने कैसे ख़ामोश किया। खींचकर आयोजन स्थल से हटा दिया गया। ‘बोल की लब आज़ाद हैं तेरे’ गैंग को इसपर वैसे ही साँप सूँघ जाएगा जैसे राजस्थान के बेरोज़गारों के प्रदर्शन पर सूंघ गया था।”
बता दें कि पंजाब में कॉन्ग्रेस सरकार से शिक्षकों की नाराजगी काफी समय से है। पिछले माह तो दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षकों के साथ कॉन्ग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ धरना दिया था। शिक्षकों की माँग है कि कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए टीचरों को नियमित किया जाए। इसी माँग को देखते हुए केजरीवाल सरकार भी अपनी राजनीति कर रही है। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने शिक्षकों को वादा किया है कि वो सत्ता में आए तो हर समस्या का समाधान किया जाएगा।। इसके अलावा मेडिकल सुविधाएँ भी दी जाएँगी।