जिस जलीकट्टू को बताया था पशुओं पर अत्याचार, उसे राहुल गाँधी ने बताया तमिल संस्कृति: खुद पहुँचे देखने

राहुल गाँधी ने जलीकट्टू के आयोजन में हिस्सा लिया

तमिलनाडु के मदुरई के अवनीयापुरम में जलीकट्टू (Jallikattu) का खेल शुरू हो चुका है। कॉन्ग्रेस ने जिस खेल को कभी ‘बर्बर’ बताकर भाजपा पर इसके राजनीतिकरण का आरोप लगाया था, उसी जलीकट्टू का मजा लेने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी अवनियापुरम के इस कार्यक्रम में पहुँच चुके हैं।

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राहुल गाँधी शायद ये भूल गए कि उन्हीं की पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और यहाँ तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस जलीकट्टू को ‘हिंसक’ और पशुओं पर अत्याचार वाला खेल बता चुके हैं। यही नहीं, साल 2016 के कॉन्ग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में जलीकट्टू को प्रतिबंधित करना भी शामिल था।

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सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी की जलीकट्टू में शामिल होने को लेकर जमकर खिंचाई हो रही है। वर्ष 2016 में, कॉन्ग्रेस ने जल्लीकट्टू को ‘बर्बर’ हरकत कहते हुए भाजपा पर इसे समर्थन देकर राजनीति करने का आरोप लगाया था।

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वहीं, शशि थरूर ने तो जनवरी, 2016 में भाजपा को घेरते हुए पशु कल्याण बोर्ड से आग्रह कर लिया था कि वो ‘बैलों को यातना’ देने वाले इस खेल पर एक्शन ले।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार (जनवरी 14, 2021) को जलीकट्टू में शामिल होने के बाद बयान दिया, “मैं यहाँ आया हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि तमिल संस्कृति, भाषा और इतिहास भारत के भविष्य के लिए आवश्यक हैं और इसका सम्मान करने की आवश्यकता है।”

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राहुल गाँधी ने कहा कि तमिल संस्कृति को देखना काफी प्यारा अनुभव था और उन्हें ये देखकर बेहद खुशी हुई कि जलीकट्टू को व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से आयोजित किया जा रहा है। राहुल ने कहा कि वो उन लोगों को संदेश देने के लिए गए हैं, जो ये सोचते हैं कि वो तमिल संस्कृति को खत्म कर देंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया