आचार संहिता लागू है, हम क्या करें: इनकम टैक्स की रेड पर बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह

ये छापेमारी एजेंसी अपने इनपुट के आधार पर कर रही है। इसमें केंद्र सरकार का किसी तरह का हाथ नहीं है।

इनकम टैक्स विभाग और ED ऑफिस द्वारा पिछले एक सप्ताह के अंदर मध्य प्रदेश के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी विभिन्न राजनेताओं और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ अवैध रूप से जमा की गई संपत्ति और पैसे की तलाशी के लिये छापेमारी की गई है। हमेशा की तरह ही विपक्ष द्वारा इसे जबरदस्ती की गई कार्रवाई बताया जा रहा है। हालाँकि, करोड़ों में बरामद की जा रही बड़ी रकमों के बाद भी इसे कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने सत्तारूढ़ भाजपा के उकसावे पर की गई कार्रवाई बताया है।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के लगाए आरोपों पर जवाब देते हुए कहा, “ये छापेमारी एजेंसी अपने इनपुट के आधार पर कर रही है। इसमें केंद्र सरकार का किसी तरह का हाथ नहीं है। सरकार को दोष देना गलत बात है। ऐसा कई वर्षों से हो रहा है, आज अचानक तो शुरू नहीं हुआ है। इसके पीछे की तरह की राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल नहीं किया गया है। देश में आचार संहिता लागू है। हम क्या करें?”

राजनाथ सिंह ने अपने इंटरव्यू में कहा, “आज जो एजेंसी रेड कर रही है, वो पहले भी करती रही हैं। उनके ऊपर आचार संहिता लागू नहीं होता है। जहाँ से उन्हें जो इनपुट मिलता है, उस आधार पर वे कार्रवाई करते हैं। हम उनको कैसे रोके। यदि किसी ने गलत पैसा इकट्ठा कर रखा है, गलत तरीके से उसका उपयोग करना चाहता है, तो ऐसे में ये स्वतंत्र संगठन अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए कार्रवाई कर रहे हैं। इस छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार को दोष देना उचित नहीं होगा और सरकार के साथ न्याय भी नहीं होगा। यह एक सतत प्रक्रिया है। यदि कोई मानता है कि किसी के कहने पर हो रहा है, यह कहना न्यायसंगत नहीं होगा। गृहमंत्रालय सिर्फ उपलब्धता के आधार पर केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों को सहायता के लिए भेजता है।”

चुनाव आयोग ने आयकर विभाग की पिछले 2 दिनों से जारी छापेमारी को कॉन्ग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के उकसावे पर की गयी कार्रवाई बताए जाने संबंधी आरोपों पर संज्ञान लेते हुय राजस्व सचिव और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष से विस्तृत जानकारी माँगी है। रविवार (अप्रैल 07, 2019) को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई, जिसमें ₹281 करोड़ की बेहिसाब नकदी के बाद भी आयोग ने वित्त मंत्रालय को इस बारे में सख्त परामर्श जारी किया था। इसमें आयोग ने मंत्रालय से उसकी जाँच एजेंसियों की चुनाव के दौरान कोई भी कार्रवाई निष्पक्ष और भेदभाव रहित होने निर्देश दिया था। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए इस तरह की कार्रवाई से पहले आयोग से भी संपर्क करने को कहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया