गौतम गंभीर के छक्कों से तिलमिलाई महबूबा ने उन्हें Twitter पर किया ब्लॉक

देश-विरोधी भाषण देने वाले कश्मीरी नेताओं के लिए काल बन गए हैं गौतम गंभीर

सोशल मीडिया पर पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। दरअसल, ये सब शुरू हुआ फ़ारूक़ अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती के ख़िलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाख़िल करने के बाद। दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ़्ती को लोकसभा चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने की माँग की गई। वकील संजीव कुमार द्वारा दायर इस याचिका में इन तीनों नेताओं के हालिया देश-विरोधी बयानों के मद्देनज़र इन्हें चुनाव लड़ने से रोकने की माँग की गई। याचिका में कहा गया है कि इन तीनों नेताओं की निष्ठा देश के संविधान के प्रति न होकर किसी और के लिए है।

https://twitter.com/GautamGambhir/status/1115330760930623488?ref_src=twsrc%5Etfw

इस जनहित याचिका से बौखलाई महबूबा मुफ़्ती ने ट्विटर पर अनाप-शनाप बकना शुरू कर दिया। महबूबा ने लिखा कि अदालत में समय बर्बाद करने से क्या फ़ायदा? उन्होंने दावा किया कि भाजपा द्वारा धारा 370 हटाने के साथ ही जम्मू कश्मीर में भारत का संविधान लागू नहीं होगा। ऐसे में वो लोग स्वतः ही चुनाव लड़ने से वंचित हो जाएँगे। इसके बाद उन्होंने पूरे भारत को धमकी देते हुए लिखा, “ना समझोगे तो मिट जाओगे हिन्दुस्तान वालों, तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में।

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इसके बाद गौतम गंभीर कहाँ चुप रहने वाले थे। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व भारतीय ओपनिंग बैट्समैन ने महबूबा की गेंद को ऐसे ही छक्के के लिए उठाया, जैसे उन्होंने 2007 टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में बेसबॉल स्टाइल में पाकिस्तानी गेंदबाज़ उमर गुल की गेंद को लेग साइड के ऊपर से छक्के के लिए भेजा था। दिल्ली रणजी टीम, भारतीय टीम और कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी कर चुके गौतम ने महबूबा मुफ़्ती को याद दिलाया था कि ये भारत देश है, उनकी तरह कोई धब्बा नहीं जो मिट जाए।

फिर क्या था, महबूबा मुफ़्ती ने अपने ख़राब क्रिकेट ज्ञान का परिचय देते हुए गंभीर को नसीहत दे डाली कि कहीं उनका राजनीतिक करियर भी उनके क्रिकेट करियर की तरह बहुत बुरा न हो। लगातार पाँच मैचों में टेस्ट शतक जड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके गंभीर भी कहाँ चुप रहने वाले थे। उन्होंने महबूबा को तड़ाक से जवाब दिया कि क्या उन्हें 10 घंटे सिर्फ़ यही जवाब देने में लग गए? वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में दो विकेट गिरने के बाद जब टीम मुश्किल में थी, तब तीन घंटे से भी अधिक समय तक टिककर श्रीलंकाई गेंदबाज़ों की ख़बर लेने वाले गौती ने महबूबा की व्यक्तित्व में गहराई की कमी बताते हुए उनसे कहा कि यही कारण है कि वे लोग (कश्मीरी नेता) आज तक इस समस्या का हल नहीं निकाल पाए।

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इसके बाद तिलमिलाई महबूबा मुफ़्ती ने गंभीर की मानसिक हालत पर कमेंट करना शुरू कर दिया। उन्होंने गंभीर पर उनका पीछा करने और ट्रोल करने का आरोप मढ़ा। उन्होंने कहा कि गंभीर कश्मीर के बारे में कुछ नहीं जानते। उन्होंने गंभीर के ट्वीट की क़ीमत दो रुपए लगाते हुए ब्लॉक कर दिया। महबूबा द्वारा ब्लॉक किए जाने पर गंभीर ख़ुश ही नज़र आए और उन्होंने कहा कि ऐसे बेदिल इंसान द्वारा उन्हें ब्लॉक करना अच्छी बात है। हालाँकि, उन्होंने महबूबा से पुछा कि वो 135 करोड़ भारतीयों को कैसे ब्लॉक करेंगी?

बता दें कि महबूबा समय-समय पर ऐसी धमकी देती आई हैं और आजकल कश्मीर के सारे नेता देश-विरोधी बयान दे रहे हैं। महबूबा ने हाल ही में कहा था कि अगर धारा 370 से छेड़छाड़ की गई तो पूरा देश जल कर खाक हो जाएगा। उस से पहले उन्होंने कहा था कि अगर 370 हटाया गया तो कश्मीर के लोग न जाने कौन सा झंडा उठाने को मज़बूर हो जाएँगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया