बंगाल में रामनवमी पर छुट्टी, ममता सरकार में पहली बार हुआ ऐसा: कभी भड़क जाती थीं राम के नाम पर, ‘जय श्री राम’ कहने वालों को बताया था हमलावर

पश्चिम बंगाल में पहली बार रामनवमी पर होगी सार्वजानिक छुट्टी (चित्र साभार- The Week)

पश्चिम बंगाल में पहली बार रामनवमी पर सार्वजानिक छुट्टी की घोषणा की गई है। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यह आदेश शनिवार (9 मार्च 2024) को जारी किया गया। इस आदेश में आने वाले 17 अप्रैल 2024 को रामनवमी के पर्व का हवाला दिया गया है। आदेश की प्रति राज्यपाल और प्रदेश के तमाम सीनियर अधिकारियों को भेजी गई है। भाजपा ने इसे बहुत देर में लिया गया फैसला और ममता बनर्जी द्वारा अपनी हिन्दू विरोधी छवि को बदलने की कोशिश करार दिया है।

रामनवमी पर छुट्टी का यह आदेश पश्चिम बंगाल सरकार में वित्त मंत्रालय के ऑडिट डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया गया है। 9 मार्च के ही एक नोटिफिकेशन का जिक्र करते हुए इस आदेश में 17 अप्रैल को रामनवमी पर्व पर सार्वजानिक अवकाश होने की घोषणा की गई है। पत्र में राज्य सरकार ने इस निर्णय पर ख़ुशी भी जताई है। भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने इसे 9 मार्च को ही अपने X हैंडल पर शेयर किया है।

अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल सरकार का यह कदम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हिन्दू विरोधी छवि को बदलने का प्रयास बताया है। हालाँकि उन्होंने कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है। भाजपा नेता ने पश्चिम बंगाल सरकार से माँग की है कि वो यह सुनिश्चित करे कि रामनवमी की शोभा यात्राओं पर पत्थरबाजी न होने पाए। इसी कैप्शन में अमित मालवीय ने यह भी लिखा है कि यह छुट्टी उन ममता बनर्जी द्वारा दी जा रही है, जो कभी जय श्री राम का नारा सुनते ही गुस्से से नीली पड़ जाती थीं।

कभी भड़क जातीं थी जय श्री राम सुन कर

अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर राम के नाम पर भड़कने का जो आरोप लगाया है, उस की पुष्टि करती कई घटनाएँ पहले हो चुकी हैं। 30 दिसंबर 2022 को एक कार्यक्रम में जब ममता बनर्जी मंच की ओर जा रहीं थीं, तब समारोह में मौजूद लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए थे। इसके बाद ममता बनर्जी भड़क गईं और उन्होंने मंच पर बैठने से ही इंकार कर दिया था। तब राज्यपाल सीवी आनंद बोस व केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ममता बनर्जी को मनाने की बहुत कोशिश की थी। हालाँकि वो इस कोशिश में नाकाम रहे थे।

एक अन्य घटनाक्रम जनवरी 2021 का था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के कार्यक्रम में ममता बनर्जी भी मंच पर थीं। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने तब जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। इस से ममता बनर्जी भड़क गईं थीं और कार्यक्रम को बीच में ही छोड़ कर निकल गईं थीं।

मई 2019 में ममता बनर्जी के काफिले को देख कर कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए थे। तब ममता बनर्जी अपने काफिले को रोक कर नारा लगाने वालों से भिड़ गईं थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि जय श्री राम बोल रहे लोग उन पर हमला करना चाहते थे। इसी के साथ ममता ने इस नारेबाजी के नाम पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को महिला विरोधी तक कह डाला था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया