राजस्थान में अब पायलट ने खुलकर भरी उड़ान, 11 मई से करेंगे पदयात्रा: कहा- अशोक गहलोत की नेता सोनिया गाँधी नहीं, वसुंधरा राजे हैं

अशोक गहलोत पर खुलकर बरसे सचिन पायलट (फाइल फोटो, साभार: Mint)

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और कभी उनके डिप्टी रहे सचिन पायलट (Sachin Pilot) की लड़ाई अब खुलकर सामने आई है। गहलोत के आरोपों का जवाब देते हुए पायलट ने कहा है कि उन्हें निकम्मा, नाकारा, गद्दार कहा गया। फिर भी वे चुप रहे, क्योंकि वे पार्टी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते थे। साथ ही उन्होंने 11 मई से ‘जन संघर्ष यात्रा’ शुरू करने की भी घोषणा की है।

पायलट ने मंगलवार (9 मई 2023) को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के भाषण को सुनकर ऐसा लग रहा है जैसे उनकी नेता सोनिया गाँधी नहीं, बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया हैं। एक ओर यह कहा जा रहा है कि बीजेपी कॉन्ग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश कर रही थी। वहीं दूसरी ओर यह कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे सरकार को बचा रहीं थीं। सीएम अशोक गहलोत को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर वह क्या कहना चाहते हैं। उनके इस बयान को वीडियो में 2:20 मिनट के बाद से सुना जा सकता है।

पायलट ने कहा कि उन्हें निकम्मा, नकारा, गद्दार के साथ ही बहुत कुछ कह गया। वह ढाई साल से यह सब सुन रहे थे। वह पार्टी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते थे, इसलिए चुप थे। लेकिन अब अपने ही सरकार के नेताओं को बेइज्जत किया जा रहा है और भाजपा का गुणगान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने जो आरोप लगाए हैं वह पहली भी कई बार लगाए जा चुके हैं। सीएम ने पार्टी नेताओं का अपमान किया है। उन्होंने ऐसे नेताओं पर आरोप लगाए हैं जो राजनीति में 40-45 साल से काम कर रहे हैं। उनके क्षेत्र के लोग जानते हैं कि वह कैसे नेता हैं, कैसा काम करते हैं। पायलट ने बताया कि वह 11 मई से पद यात्रा निकालेंगे। यह यात्रा अजमेर से जयपुर तक जाएगी। उन्होंने कहा कि 125 किलोमीटर लंबी यह यात्रा सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि युवाओं के लिए होगी।

गहलोत ने पिछले दिनों दावा किया था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए पार्टी के कुछ विधायकों ने अमित शाह से पैसे लिए थे। साथ ही कहा था कि सरकार बचाने में बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने उनकी मदद की थी। उन्होंने कहा था, “जब वह कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष थे तो उन्होंने राज्य में भैरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को गिराने से मना कर दिया था। इसी तरह 2020 की बगावत के वक्त वसुंधरा राजे और मेघवाल ने कहा था कि राजस्थान में धन-बल के बूते चुनी हुई सरकारें गिराने की कोई परंपरा नहीं है।”

वसुंधरा ने गहलोत के इन दावों को झूठ करार दिया था। इसे अपने खिलाफ षड्यंत्र बताया था। उन्होंने कहा था, “अशोक गहलोत ने जितना अपमान मेरा किया है उतना किसी का नहीं किया तो फिर मैं गहलोत की मदद कैसे कर सकती हूँ।” राजे ने कहा कि गहलोत ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह 2023 में मिलने वाली हार से भयभीत हो गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया