‘जातिवादी हिंदुत्व का दूसरा नाम नफरती सनातन’: अब कॉन्ग्रेस ने किया विष-वमन, हिंदुओं को मच्छर की तरह मारने वाले बयान पर CM स्टालिन के बेटे पर FIR

राहुल गाँधी के साथ उदयनिधि (फाइल फोटो, साभार: PTI)

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगु-मलेरिया के मच्छर की तरह खत्म करने की अपील की थी। सनातन धर्म के अपमान और समाज में हिंसा फैलाने की अपील के बाद दिल्ली में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। वहीं, कॉन्ग्रेस ने भी उदयनिधि स्टालिन की हाँ में हाँ मिलाते हुए सनातनियों को घृणा फैलाने वाला कहा है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने तमिलनाडु के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सनातन धर्म के खिलाफ उत्तेजक, भड़काऊ और मानहानिकारक बयान के लिए दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 120A, 153A, 295, 504 और आईटी एक्ट की धाराएँ शामिल हैं।

जब एक लीगल ऑर्गेनाइजेशन ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही तो उदयनिधि ने X पर पोस्ट करके लिखा कि वो धमकी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने खुद को परियार-कलैग्नार का अनुयायी बताते हुए कहा कि जो है, उसे उन्होंने सामने रखा है। इससे उनकी सनातन धर्म को रोकने की भावना बिल्कुल कम नहीं होगी।

दरअसल, ‘लीगल राइट्स ऑजरवेटरी- LRO’ नाम के एक एक्स हैंडल ने उदयनिधि पर कानूनी कार्रवाई की बात कही। LRO हैंडल ने लिखा, “हम चर्च के आदेश पर सनातन धर्म को बदनाम करने वाले गंदे मच्छरों को खत्म करने के लिए विभिन्न कानूनी उपाय तलाशेंगे! आप सज़ा से बचेंगे नहीं उदय स्टालिन।” इसी पोस्ट पर उदयनिधि ने बयान दिया।

उधर, उदयनिधि के बयान का कॉन्ग्रेस ने भी समर्थन किया है। तमिलनाडु कॉन्ग्रेस की महासचिव लक्ष्मी रामचंद्रन ने सनातनियों को जातिवादी और नफरत फैलाने वाला बता दिया। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व और सनातन आदि उत्तर भारत की उपज है। दक्षिण भारत के लोग शांतिप्रिय हैं।

लक्ष्मी रामचंद्रन ने कहा, “नफरत फैलाने वाले सनातन जातिवादी हिंदुत्व का दूसरा नाम है, जिसकी उत्पत्ति उत्तर में हुई है। दक्षिण में हमारा हिंदू धर्म शांतिप्रिय है और समावेशी होने का प्रयास करता है। रामानुजार, वल्लालर और नारायण गुरु प्रकार का हिंदू धर्म ही हमारा हिंदू धर्म है।”

उदयनिधि के बयान पर जारी बवाल के बीच कॉन्ग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “सनातन धर्म जातियों में विभाजन के लिए नियम के अलावा और कुछ नहीं है। इसकी वकालत करने करने वाले सभी अच्छे पुराने दिनों के लिए उत्सुक हैं! जाति भारत का अभिशाप है।”

उन्होंने आगे कहा, “तमिलनाडु की आम बोलचाल में ‘सनातन धर्म’ का अर्थ जाति पदानुक्रमित समाज है। ऐसा क्यों है कि हर कोई जो सनातन धर्म की वकालत कर रहा है, वह विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग से आता है और इस ‘पदानुक्रम’ का लाभार्थी है। किसी के खिलाफ ‘नरसंहार’ का कोई आह्वान नहीं किया गया था, यह एक शरारती फिरकी है।”

वहीं, महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर दिए आपत्तिजनक बयान से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी का रुख स्पष्ट है। कॉन्ग्रेस न तो टिप्पणी करती है और न ही किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने में विश्वास करती है।

दरअसल, उदयनिधि ने ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ में 2 सितंबर 2023 को बोलते हुए सनातन धर्म मिटाने की बात कही थी। सामने आए वीडियो क्लिप में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ। मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म को मिटाओ‘ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूँ।”

उदयनिधि ने आगे कहा, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन ​​भी ऐसा ही है। विरोध करने की जगह सनातन ​​को ख़त्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”

उन्होंने सवालिया लहज़े में पूछा, “सनातन ​​क्या है? सनातन ​​नाम संस्कृत से आया है। सनातन ​​समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सनातन ​​का अर्थ ‘स्थायित्व’ के अलावा और कुछ नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता। कोई भी सवाल नहीं उठा सकता। सनातन ​​का यही अर्थ है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया