‘भीषण आर्थिक संकट से गुजर रही कॉन्ग्रेस’: महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण और मिलिंद देवड़ा के बाद अब गिरेगा संजय निरुपम का विकेट, बोले – समय ख़त्म, अब फैसला

कॉन्ग्रेस छोड़ सकते हैं संजय निरुपम, पार्टी ने नहीं बनाया स्टार प्रचारक

ओलंपिक विजेता बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने बुधवार (3 अप्रैल, 2024) को कॉन्ग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं अब महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण और मिलिंद देवड़ा के बाद पार्टी का एक और विकेट लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गिरता हुआ दिख रहा है। संजय निरुपम पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया गया है। पार्टी उन पर कार्रवाई का विचार कर रही है, लेकिन उससे पहले खुद संजय निरुपम ने नया ऐलान कर दिया है।

‘मुंबई रीजनल कॉन्ग्रेस कमिटी’ के अध्यक्ष रहे संजय निरुपम ने कहा है कि वो गुरुवार को अपने अगले कदम के बारे में खुलासा करेंगे। इससे पहले पार्टी उन्हें निष्कासित करने पर विचार कर रही है और इस पर पार्टी की अनुशासन समिति को फैसला लेना है। ‘X’ पर पूर्व सांसद ने लिखा, “कॉन्ग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे, बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है।”

इसके साथ ही संजय निरुपम ने कहा कि उन्होंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी, वह आज पूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को वो खुद ही कोई फैसला ले लेंगे। महाराष्ट्र में MVA (महा विकास अघाड़ी) की साझीदार शिवसेना (UBT) ने अब तक 21 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। संजय निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम से चुनाव लड़ना चाहते थे। यहाँ से शिवसेना (UBT) ने अमोल कीर्तिकर को उतार दिया है। 2009 में संजय निरुपम मुंबई नॉर्थ से जीत चुके हैं।

संजय निरुपम ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी कॉन्ग्रेस को दबा रही है, उसने मुंबई में 6 में से 5 सीटें झटक ली हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये महानगर में कॉन्ग्रेस को खत्म करने की साजिश है। संजय निरुपम 1996 से 2006 तक राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। वो पेशे से पत्रकार रहे हैं, जिन्होंने ‘जनसत्ता’ और शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ में काम किया है। संजय निरुपम कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे हैं और बिहार में पार्टी के सेक्रेटरी प्रभारी भी। 2013-14 में पार्टी की तरफ से लोकसभा में बजट पर बहस की शुरुआत उन्होंने ही की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया